हल्द्वानी : हल्द्वानी के वनभूलपुरा में हिंसा के बाद गुरुवार देर शाम से कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस और प्रशासन की टीम पर पत्थरबाजी से लेकर पेट्रोल बम से भी हमला किया गया। अतिक्रमण के खिलाफ अभियान में लोग अपने घरों की छत पर चढ़ गए थे।बच्चों और महिलाओं ने भी पुलिस टीम पर जमकर पत्थर बरसाए। हल्द्वानी में हिंसा के बाद भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। डीएम ने देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं। उपद्रवियों ने रूमाल और नकाब से मुंह ढककर जमकर उपद्रव मचाया।
वनभूलपुरा में प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने के लिए सैकड़ों युवा, छोटे बच्चे और महिलाएं पहले से ही तैयार थे। अतिक्रमण हटाने को लेकर हुए बवाल के दौरान स्थिति को काबू करने में लगे पुलिसकर्मियों पर गलियों में एकत्र क्षेत्रीय लोगों की भीड़ ने जमकर पथराव किया।
वनभूलपुरा बवाल में पुरुषों और महिलाओं से लेकर नाबालिग लड़के तक पत्थरबाज बनकर सामने आए। घरों की छतों, गलियों से निकलकर खाली मैदान में पहुंचे उपद्रवियों ने जमकर पत्थर बरसाये। आलम यह था कि उपद्रव में फंसे लोगों को जान बचाकर निकलना मुश्किल हो गया।
किसी तरह पत्थरों के बीच से लोग इलाके से बाहर निकले। वनभूलपुरा में बवाल के दौरान शायद ही ऐसी कोई गली थी, जहां पुलिस और दंगे में फंसे आम लोगों पर ईंट-पत्थर न बरस रहे हों। ऐसे में पुलिस फोर्स को खुद की जान बचाकर निकलना मुश्किल हो गया।
ताबड़तोड़ पत्थरों की बारिश में घरों की छतों और गलियों व खाली मैदानों से जमकर ईंट-पत्थर फेंके जा रहे थे। इसमें घरों की छतों से पथराव करने वालों में महिलाएं और गलियों से नाबालिग लड़के और मैदानों में पहुंचकर युवकों ने पत्थर बरसाए। जिस मैदान में मदरसा और धार्मिक स्थल तोड़ा जा रहा था वहां जब पत्थर बरसने शुरू हुए तो एसपी सिटी हरबंस सिंह की टीम तुरंत उत्पातियों को खदेड़ने पहुंची।
गली में पहुंचते ही एसपी सिटी, सीओ संगीता और उनकी टीम पर छतों से पथराव शुरू हो गया। टीम को आता देख पत्थरबाजों ने घर में घुसकर खुद को कैद कर लिया। पुलिस ने घन और हथौड़े की मदद से दरवाजों को तोड़कर उत्पातियों को बाहर निकाला।
कार्रवाई के बाद बेकाबू हो गई थी भीड़
हल्द्वानी गर निगम और प्रशासन के अफसरों को थाने पहुंचने में जितना समय लगा, उस बीच अतिक्रमणस्थल के आसपास बड़ी संख्या में उपद्रवी जमा हो गए। पांच बजे जैसे ही निगम और प्रशासन की टीम पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंची तो उन्हें चारों तरफ से विरोध शुरू हो गया। जैसे ही टीम ने मदरसे को ध्वस्त करना शुरू किया तो भीड़ बेकाबू हो गई। इससे पूरे क्षेत्र में आगजनी, हिंसा और उपद्रव शुरू हो गया।