देहरादून। लोगों की मेहनत की कमाई हड़पने की आरोपी 16 कंपनियों पर पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। एडीजी-कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन ने इनके खिलाफ उत्तराखंड जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम-2019 के तहत मुकदमे दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं। बता दें कि इन कंपनियों के खिलाफ अभी तक धोखाधड़ी के मुकदमे ही दर्ज हैं।
इसके साथ ही, एडीजी मुरुगेशन ने विवेचना के दौरान समुचित अभिलेखों का संकलन एवं अभियुक्तों से विस्तृत पूछताछ कर धोखाधड़ी से जुड़ी संपत्ति की बरामदगी और बैंक खाते फ्रीज कराने के साथ पंजीकरण कार्यालय से पूरी जानकारी लेकर नियमानुसार उनके स्तर से भी कड़ी कार्यवाही कराने सहित अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत भी एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
इनके खिलाफ कानून का शिकंजा कसा जाएगा: दिव्यांश निधि लिमिटेड, दिव्यांश प्रोसेसर स्टोन एंड मेटल कंपनी, दिव्यांश एडवाइजरी, दिव्यांश ग्रुप ऑफ कंपनीज, कबीर म्यूचुअल बेनीफिट निधि लिमिटेड, जनशक्ति मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी, जनहित निधि लिमिटेड, सर्वोत्तम एग्रो को-ऑपरेटिव सोसायटी, सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी, हमारा इंडिया सोसायटी लिमिटेड, एली ग्लोबल फाइनेंस कंपनी, निर्मल वंग कंपनी, रॉयल पैंथर कंपनी, सरमाउंट फार्मिंग इंडिया कंपनी, सुभत्तम मल्टी ट्रेड कंपनी और विदित अक्षम विजन निधि लिमिटेड।
दून-टिहरी, उत्तरकाशी में चार कंपनियों पर हैं केस
एडीजी-कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन के अनुसार, दिव्यांश निधि लिमिटेड, दिव्यांश प्रोसेसर स्टोन एंड मेटल कंपनी, दिव्यांश एडवाइजरी तथा दिव्यांश ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी में करोड़ों की धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज हैं, जिनके विवेचकों की बुधवार को बैठक हुई।
समीक्षा के दौरान पता चला कि पूर्व के दो विवेचकों ने ना कोई कार्रवाई की और ना ही चार्जशीट दायर की गई। इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए एडीजी ने दोनों पूर्व विवेचकों की जांच के आदेश देते हुए सीओ को भी चेतावनी दी। कबीर म्यूचुअल बेनीफिट निधि लिमिटेड पर हरिद्वार और पिथौरागढ़ में मुकदमा चल रहा है।