नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में हुए खनन घोटाले में जांच के लिए सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को नोटिस भेजा था, जिसमें उन्हें गवाह के तौर पर पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा गया था. अखिलेश ने दिल्ली में जांच में शामिल होने में असमर्थता जताई है. उन्होंने कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वो शामिल हो सकते हैं. इस मामले में सपा प्रमुख की ओर से जांच एजेंसी को जवाब भेजा गया है.
अखिलेश यादव ने अपने जवाब में सीबीआई के एक्शन पर सवाल भी उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि इस मामले में 2019 में एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन बीते 5 साल में इस मामले में कोई जानकारी नहीं मांगी गई, अब अचानक लोकसभा चुनाव से पहले सीबीआई ने नोटिस भेजा है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि वो जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
सीबीआई ने 21 फरवरी को भेजा था नोटिस
सीबीआई ने अखिलेश यादव को खनन घाटाला मामले में 21 फरवरी को नोटिस भेजा था और 29 जनवरी को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया था. हालांकि आज अखिलेश सीबीआई के सामने शारीरिक रूप से पेश नहीं होंगे. उन्होंने सीबीआई को भेजे अपने जवाब में कहा वह उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और पूछताछ उनके लखनऊ स्थित आवास पर की जा सकती है.
मैं जांच में सहयोग करने को तैयार: अखिलेश
अखिलेश ने कहा है कि पार्टी अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उनका यूपी के मतदाताओं के प्रति संवैधानिक कर्तव्य है. हालांकि मैं जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हूं. उन्होंने आगे कहा कि यूपी में राज्यसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अनुचित जल्दबाजी में नोटिस भेजा जा रहा है, जबकि FIR 2019 की है. पांच साल तक उनसे कोई जानकारी नहीं मांगी गई और अचानक चुनाव से पहले नोटिस भेजे जा रहे हैं.
डिंपल बोलीं- अलायंस मजबूत हुआ, इसलिए नोटिस आया
वहीं अखिलेश को मिले नोटिस पर उनकी पत्नी और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने कहा कि हमारा गठबंधन मजबूत हुआ है, इसलिए समन आया है. उन्होंने कहा, “हम देखते आ रहे हैं कि किस तरह सीबीआई ईडी का देश में दुरुपयोग हो रहा है. अलायंस मजबूत हुआ है, इसलिए समन आया है. इस तरह के ईडी के नोटिस लोगों को भी जाते हैं. यह हमारे लोकतंत्र को भी बचाने का चुनाव है. पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे.”