नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एयर स्ट्राइक में सुसाइड ड्रोन का उपयोग किया गया है. आइए जानते हैं क्या है सुसाइड ड्रोन, यह किस तरह से काम करता है. इसे गेम चेंजर क्यों कहा जाता है?
भारत ने मंगलवार को देर रात पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की. इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. भारत में अपनी इस स्ट्राइक को आपरेशन सिंदूर नाम दिया है. मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारत की एयर स्ट्राइक में सुसाइड ड्रोन का उपयोग किया गया. यह छिपकर अपने टार्गेट को तबाह कर देता है.
सुसाइड ड्रोन को कई नामों से पुकारा जाता है. इसे कामिकेज ड्रोन और एलएमएस भी कहते हैं. रूस और यू्क्रेन की जंग में कई बार सुसाइड ड्रोन का उपयोग किया गया है. आइए जानें क्या है सुसाइड ड्रोन, यह किस तरह से काम करता है.
ऐसे काम करता है सुसाइड ड्रोन
यह सामान्य ड्रोन से बिल्कुल अलग होता है. इन्हें खास तौर पर दुश्मन पर हमला करने के लिए तैयार किया जाता है. ये हथियार लेकर दुश्मन की लोकेशन पर पहुंचता है. यह तब तक हवा में रहता है जब टॉर्गेट सेट न हो जाए. यह सटीक जगह पर ब्लास्ट करता है. एक बार इसे एक्टिवेट करके बाद उड़ानों को डायवर्ट किया जा सकता है. इसे फिर कैंसल भी किया जा सकता है.
जंग में निर्णायक भूमिका निभाते हैं
इन्हें सुसाइट ड्रोन नाम इसलिए दिया जाता है. क्योंकि ये आत्मघाती होता है. यह टार्गेट के करीब आते ही फट जाता है. यह किसी मिसाइल की तरह लक्ष्य भेदने में सक्षम है. यह मिसाइलों की तरह महंगा नहीं होता है. यह लंबा सफर तय कर सकते हैं.
इसकी शुरुआत किस तरह हुई
आत्मघाती धमाके वाले ये सुसाइड ड्रोन 1980 में अस्तित्व में आए थे. 90 के दशक में कई देशों की आर्मी ने दुश्मन की बर्बादी को लेकर आत्मघाती ड्रोन का उपयोग करना शुरू किया था. साल दर साल इनका उपयोग बढ़ा है.