नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद दो दिन बाद देश की सर्वोच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगवालर को एक के की सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि वो फिलहाल EVM मशीन से कोई भी डेटा डिलीट ना करें और ना ही उसमें कोई डेटा फिर से रीलोड करें।
दरअअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मंगवालर को ये आदेश ईवीएम के सत्यापन के संबंध में नीति बनाने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। इस याचिका में मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और उसके सत्यापन के लिए दिशा-निर्देश जानी करने की मांग की गई थी। इस केस की सुनवाई करते हुए सुप्री कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब भी मांगा है।
दरअसल, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर)ये मामला लेकर सुप्रीमकोर्ट पहुंचा है। जिसमें ईवीएम के सत्यापन पर एक नीति बनाने का आग्रह किया था, विशेष रूप से उनकी मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर घटकों की जांच पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हु मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली पीठ ने ये आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दें पर जवाब देने के लिए 15 दिन में कोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्सीय पीठ ने अपने आदेश में कहाहम ये नहीं चाहते हैं कि ईवीएम से कोई छेड़छाड़ हो। उन्होंने कहा ये शायद इंजीनियर यह बता सके कि ईवीएम के साथ कोई है या नहीं? हमारी परेशानी ये है कि हमने इसे सही तरीके से नहीं बताया है। न्यायाधीस ने बताया कि इस पर चुनाव आयोग ने बताया कि जिस तरह से आप चाहते हैं, हम उसे पूरा करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा प्रमुख चुनाव आयुक्ट इसे लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा हम सिर्फ ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैंआप में से कौन सही है और कौन गलत है,हमे ये नहीं पता।