हल्द्वानी l हल्द्वानी जेल में कैदी की हुई मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने ‘सुप्रीम’ फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इस फैसले में हाईकोर्ट ने एसएसपी, सीओ व बंदी रक्षकों हटाने का आदेश दिया था। इस फैसले के बाद नैनीताल एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी और अधीनस्थ अधिकारियों को बड़ी राहत मिली है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहां कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच जारी रहेगी l
क्या कहते हैं जानकार!
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कानून के जानकारों का कहना है की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल और पुलिस उपाधीक्षक का स्थानांतरण 22 जुलाई 2021 के उच्च न्यायालय उत्तराखंड के आदेश पर सजा के तौर पर नहीं किया जा सकता है बशर्ते सरकार रूटीन में अधिकारियों का स्थानांतरण जब चाहे कर सकती हैI
(‘They can be transferred anytime on routine basis not as punishment on single order in compliance of the High Court order dated 22.07.2021’)
ये था मामला
कुंडेश्वरी काशीपुर निवासी विचाराधीन कैदी को उसकी पत्नी की शिकायत पर गाली-गलौज, मारपीट और बेटी के साथ छेड़छाड़ के मामले में चार मार्च को गिरफ्तार कर कुंडेश्वरी पुलिस ने अगले दिन राजकीय चिकित्सालय में मेडिकल कराने के बाद जेल भेज दिया था।जहां कैदी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। मामले में काशीपुर निवासी कैदी के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं होने पर यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था। हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद बंदी रक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस आदेश में हाईकोर्ट ने मुकदमा दर्ज न करने पर एसएसपी को हटाने के आदेश दिए थे। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्टे कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नैनीताल एसएसपी को बड़ी राहत मिली है।