भोपाल: तेजी से विलुप्त हो रहे गिद्धों को देखते हुए वन विभाग ने तीन साल बाद प्रदेश भर के जंगलों में गिद्धों की गिनती के लिए सर्वे फिर से शुरू किया है. वन कर्मियों ने गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से राज्य के 33 जिलों में 900 वन क्षेत्रों को कवर किया है. अकेले इंदौर वन मंडल में 25 स्थानों पर 30 से अधिक वनकर्मी शामिल थे. यह गतिविधि दो दिनों तक जारी रहेगी.
प्रदेश भर सहित इंदौर में भी गिद्धों की गिनती चालू हो गई है इस गिनती को शुरू करने से पहले एक प्रशिक्षण वन कर्मियों को दिया गया था. उसके बाद पूरे मध्य प्रदेश में एक साथ ही गिनती चालू हुई है. आज इंदौर में इसकी शुरुआत कर दी गई. अब एक ही समय में मध्य प्रदेश में गिद्धों को गणना किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में कितने गिद्ध मौजूद हैं. इससे पहले आपको बता दें कि इंदौर में जब आखिरी बार गिनती हुई थी तो करीब 119 गिद्ध की गणना की गई थी.
सुबह 6 से 8 बजे तक गिद्धों की गिनती की जाएगी
इंदौर में गिद्धों की गणना करने के लिए 19 अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं जो एक ही समय में एक साथ इन गिद्धों की गिनती करेंगे. इससे पहले इन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया ताकि गिद्धों की गिनती करने में आसानी रहे. आपको बता दें कि यह प्रक्रिया दो दिनों की है जिसमें सुबह 6 से 8 बजे तक गिद्धों की गिनती की जाएगी. इंदौर में फिलहाल सफेद काले पीले और हिमालय तथा यूरोप की प्रजाति के गिद्ध उपलब्ध हैं.
पांच दिन में सर्वे रिपोर्ट मुख्यालय भेजनी है
अधिकारियों के मुताबिक गिनती में जमीन और पेड़ों पर बैठे गिद्ध भी शामिल हैं. प्रत्येक वन प्रभाग को चार से पांच दिन में सर्वे रिपोर्ट मुख्यालय भेजनी है. पिछली गणना के दौरान इंदौर, चोरल, महू और मानपुर में 36 स्थानों पर 119 गिद्ध पाए गए थे. इनमें एजिपटिया, व्हाइट रम्प्ड, किंग कल्चर, लॉन्ग बिल्ड, यूरेशियन और सिलेंडर बिल्ड प्रमुख थे.