नई दिल्ली: अक्सर भारत में आने वाले चक्रवाती तूफान दो-तीन दिन में शांत हो जाते हैं. इन तूफानों के आने से पहले ही मौसम विभाग द्वारा अलर्ट भी जारी कर दिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में इन्हीं चक्रवाती तूफानों को शांत होने में कई दिनों का वक्त लग जाता है. जी हां, लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा होता क्यों है? तो चलिए आज हम इसका जवाब जानते हैं.
चक्रवाती तूफान क्या होते हैं?
सवाल ये उठता है कि चक्रवाती तूफान होते क्या हैं? तो बता दें कि चक्रवाती तूफान एक बड़े पैमाने पर घूमने वाला तूफान है जो गर्म समुद्र के ऊपर बनता है. यह एक कम दबाव वाला क्षेत्र होता है जिसके चारों ओर हवाएं तेज गति से घूमती हैं.
भारत और अमेरिका में चक्रवाती तूफान
बता दें भारत एक उपमहाद्वीप है और इसकी भौगोलिक स्थिति चक्रवाती तूफानों के विकास और गति को प्रभावित करती है. हिमालय पर्वत श्रृंखला भारत के उत्तर में एक प्राकृतिक बाधा का काम करती है. जब चक्रवाती तूफान भारत के तट पर पहुंचते हैं तो हिमालय की ऊंची चोटियां हवाओं को ऊपर उठा देती हैं जिससे तूफान कमजोर हो जाता है.
इसके अलावा अमेरिका का अधिकांश भाग महाद्वीप है और इसके तट पर कोई बड़ी पर्वत श्रृंखला नहीं है. इसलिए, चक्रवाती तूफान अमेरिका के तट पर आने के बाद भी लंबी दूरी तक बिना किसी बाधा के आगे बढ़ सकते हैं.
जलवायु में अंतर
भारत में मानसूनी जलवायु होती है. मानसून के दौरान गर्म और आर्द्र हवाएं चक्रवाती तूफानों को और ज्यादा शक्तिशाली बनाती हैं. लेकिन साथ ही, मानसूनी हवाएं तूफानों को भी कमजोर करने में मदद करती हैं. वहीं अमेरिका में विभिन्न प्रकार की जलवायु पाई जाती है. कुछ क्षेत्रों में शुष्क जलवायु होती है जबकि कुछ क्षेत्रों में आर्द्र जलवायु होती है. ऐसे में चक्रवाती तूफानों का समय जलवायु पर निर्भर करता है.
साथ ही भारत में मौसम प्रणालियां तेजी से बदलती रहती हैं. मानसूनी हवाएं, पश्चिमी विक्षोभ और अन्य मौसमी घटनाएं चक्रवाती तूफानों को प्रभावित करती हैं. वहीं अमेरिका में मौसम प्रणालियां अपेक्षाकृत स्थिर होती हैं. इसलिए, चक्रवाती तूफान यहां लंबे समय तक बने रहते हैं.