पटना। बिहार की राजनीति में पाला बदलने वालों की पौ बारह है। सभी दलों की ओर से उन्हें प्रोत्साहन भी मिल रहा है। अंतिम समय में किसी दल में शामिल हुए और टिकट लेने में कामयाब भी हो गए। पाला बदलने वाले नेताओं पर भरोसा कमोबेश सभी राजनीतिक दलों को है। इस लोकसभा चुनाव में अब तक जो नाम सामने आए हैं, उसमें पाला बदलने वाले कई नेताओं को टिकट मिल चुका है।
पहले चरण में औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई में चुनाव होने हैं। इसमें औरंगाबाद से राजद ने अभय कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। अभय कुशवाहा जदयू के पूर्व विधायक हैं। गया के जिला जदयू अध्यक्ष थे। हाल ही में वे जदयू छोड़ राजद में शामिल हुए। अभय कुशवाहा के राजद में जाने और लालू प्रसाद से सिंबल लेने की तस्वीर लगभग एक साथ सामने आई। हालांकि औरंगाबाद से इंडिया गठबंधन में कई दावेदार थे। इस सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार चुनाव लड़ना चाह रहे थे। लेकिन सब देखते ही रह गए और अभय कुशवाहा ने बाजी मार ली।
दूसरे चरण में किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका में चुनाव है। पूर्णिया से चुनाव लड़ने की तैयारी कांग्रेस नेता पप्पू यादव लंबे समय से कर रहे थे। पूर्णिया से टिकट की आस में पप्पू यादव ने अपनी पार्टी जाप का कांग्रेस में विलय तक कर लिया, लेकिन अंतिम समय में विधायक बीमा भारती ने जदयू से त्याग पत्र दिया और राजद से सिंबल ले लिया। इसी तरह जदयू ने भी दो बाहरी नेताओं को टिकट दिया है। राजद छोड़ जदयू में शामिल हुईं पूर्व सांसद लवली आनंद को पार्टी ने शिवहर से उम्मीदवार बनाया है।
शिवहर में छठे चरण में मतदान होना है। इसी तरह राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रमेश कुशवाहा सपत्नीक जदयू में शामिल हो गए। रमेश कुशवाहा की पत्नी विजया लक्ष्मी देवी को जदयू ने सीवान से उम्मीदवार बना दिया। सीवान में भी छठे चरण में ही मतदान होना है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में वीआईपी के टिकट पर राजभूषण निषाद मुजफ्फरपुर से चुनाव लड़े थे। अब वे भाजपा में हैं। पार्टी ने उन्हें मुजफ्फरपुर से उम्मीदवार बना दिया है।
आने वाले दिनों में भी विभिन्न दलों के नेता पाला बदल सकते हैं। खासकर जो-जो सांसद बेटिकट हुए हैं, उसमें कई ऐसे हैं जो दूसरे दलों के सम्पर्क में हैं ताकि फिर से वे चुनावी मैदान में उतर सकें। लोजपा जब दो फाड़ हुई तो वैशाली की मौजूदा सांसद वीणा सिंह पशुपति पारस के साथ रालोजपा में आ गई थीं। चूंकि इस बार रालोजपा को एनडीए में एक भी सीट नहीं मिली है, इसलिए वीणा सिंह के चिराग की पार्टी लोजपा-आर में शामिल होने की चर्चा है।
चर्चाओं की मानें तो वीणा सिंह चिराग की पार्टी से वैशाली की उम्मीदवार बन सकती हैं। भाजपा ने सासाराम के मौजूदा सांसद छेदी पासवान और मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद को बेटिकट कर दिया है। दोनों के महागठबंधन के सम्पर्क में होने की चर्चा है। इसके अलावा भी कई और नेता हैं जो टिकट की आस में दूसरे दलों से सम्पर्क में हैं। जैसे-जैसे महासमर आगे बढ़ेगा दल-बदल कर मैदान में कूदने वालों की तादाद और बढ़ने के आसार हैं।
उम्र के एक पड़ाव पर पहुंचने के बावजूद दबंग नेता अशोक महतो ने शादी की। शादी के बाद वे लालू प्रसाद से आशीर्वाद लेने गए। राजद सुप्रीमो ने उनको आशीर्वाद के रूप में उनकी पत्नी अनिता देवी को मुंगेर से टिकट थमा दिया। इसके पहले अजय सिंह ने खरमास में शादी की थी और उनकी पत्नी कविता सिंह को सीवान से जदयू ने टिकट दे दिया गया था।