नई दिल्ली: इन दिनों बच्चे पढ़ाई के बहाने मोबाइल पर तरह-तरह की रील बनाते हैं और ऑनलाइन खेल खेलते हैं। जिससे कई बार उनके माता-पिता सहित अन्य परिजनों के बैंक खाते से बड़ी रकम गायब हो जाती है तो कई बार ऑनलाइन खेलों के परिणाम घातक सिद्ध हो रहे हैं। अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक विद्यार्थियों को विद्यालय में ऑनलाइन खेलों के दुष्परिणाम के बारे में बताएंगे। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक मुख्यालय जयपुर देवीशंकर शर्मा ने बताया कि खेलों में चैलेंज देकर कुण्ठा, स्व:घात तथा निराशा जैसी मानसिक कमजोरियां उत्पन्न करने वाले ऑनलाइन गेम के प्रति जागरूकता तथा विद्यालयों में इसके प्रति सतर्कता बरतने के लिए निर्देश जारी किए गए है।
बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें शिक्षक
- कक्षाध्यापक किसी बालक-बालिका में हुए आकस्मिक व्यवहारगत परिवर्तन पर नजर रखें, ऐसा एहसास होने पर उनके माता-पिता से सम्पर्क करें।
- विद्यालय में खेलकूद का आयोजन हो। यदि संस्था प्रधान अथवा शिक्षक को किसी विद्यार्थी के इन ऑनलाइन गेम में संलिप्त होने की जानकारी मिलती है तो उस पर नजर रखें।
- अभिभावक यह ध्यान रखें कि बच्चों के फोन और गैजेट्स में चाइल्ड लॉक लगाएं अथवा ऐसा सॉफ्टवेयर उपयोग में लें जिससे नियमित बच्चे प्रतिबंधित कार्यक्रम, साइट्स का प्रयोग नहीं कर सकें।
- विद्यार्थी के चिडचिड़ा, बात-बात पर उत्तेजित और मानसिक व्यवहार का परीक्षण करना चाहिए।
- स्कूल में आना-जाना, लौटना, मित्रों से अनायास बातें कम करना, अध्ययन में रुचि नहीं लेना, नियमित दिनचर्या में बदलाव लक्षण को परखें।
- अगर ऐसे लक्षण दिखाई दें तो अभिभावक सचेत हो जाएं, स्कूल में सम्पर्क करें।