नई दिल्ली : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच WTC फाइनल मैच ओवल में खेला जा रहा है. इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई के ट्रेविस हेड(163) और स्टीव स्मिथ(121) की शानदार शतकीय पारियों की बदौलत टीम ने 469 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया. इसके बाद भारत के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज पूरी तरह से फ्लॉप रहे. टॉप ऑर्डर का कोई भी बल्लेबाज 20 रन से ज्यादा का स्कोर नहीं बना पाया. इस बीच एक दिग्गज भारतीय ने टीम इंडिया को जीतने का मंत्र दे दिया है. उन्होंने बताया है कि टीम इंडिया कैसे जीत सकती है.
इस दिग्गज ने कही ये बड़ी बात
भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि मौजूदा टीम ने वह निर्भीकता नहीं दिखाई जो आईसीसी खिताब जीतने के लिए चाहिए होती है. विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में चार तेज गेंदबाजों को लेकर उतरने का फैसला सही नही था. बता दें कि पिछले 10 साल में एक भी आईसीसी खिताब नहीं जीत सकी. भारतीय टीम की स्थिति आस्ट्रेलिया के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल में खराब है.
ऐसे जीत सकती है टीम इंडिया
WTC फाइनल में कमेंटेटर की भूमिका निभा रहे हरभजन ने भारतीय खिलाड़ियों को नतीजे की चिंता किए बिना खेलने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि कौशल में कोई कमी नहीं है. जितने बड़े मैच खेलेंगे, उतना ही बेहतर होगा. मुझे लगता है कि ऐसे मैचों में खुलकर खेलने की जरूरत है. हम अधिक रक्षात्मक हो रहे हैं. हमें नतीजे की परवाह किए बिना खुलकर खेलना होगा. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों पर जिम्मेदारी डाल दें और वह जरूर अपना काम पूरा करेंगे.
भारत ने कर दी बड़ी गलती
हरभजन ने कहा खिलाड़ियों को आत्मविश्वास देने की जरूरत है कि भले ही अच्छा नहीं खेल सको. लेकिन अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करो. इसी तरह से कप जीते जाते हैं. बेखौफ खेलो. दुनिया के नंबर एक टेस्ट गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को बाहर रहना पड़ा क्योंकि भारत चार तेज गेंदबाजों और एक स्पिनर को लेकर उतरा है. हरभजन ने कहा कि मैच पांच दिन का है तो पांच दिन के हालात देखकर गेंदबाजों को चुनना होता है.
इस खिलाड़ी को मिलना चाहिए था मौका
हरभजन सिंह ने आगे कहा कि अश्विन बेहतरीन गेंदबाज हैं और चार तेज गेंदबाजों की जरूरत नहीं थी. चौथा और पांचवां दिन भी पहले दिन की तरह महत्वपूर्ण होता है और यह अहम है कि उन दिनों में आप कैसे खेलते हैं. उन्होंने कहा कि शायद प्रबंधन ने इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा और चार स्पिनरों को उतारा. अगर मोहम्मद सिराज या मोहम्मद शमी जैसा कोई बाहर बैठ रहा होता तब भी चार तेज गेंदबाजों को उतारना समझ में आता. अश्विन को उतारना और चार तेज गेंदबाजों की बजाय दो स्पिनरों को लेकर खेलना सही होता.