राजकोट: भारतीय खिलाड़ियों ने शनिवार को इंग्लैंड के खिलाफ चल रहे तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन पूर्व कप्तान दत्ताजीराव गायकवाड़ की याद में बांह में काली पट्टी बांधी. भारत के लिए 1951 से 1962 के बीच 11 टेस्ट खेलने वाले दत्ताजीराव गायकवाड़ का 13 फरवरी को निधन हो गया था. वह भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर थे.
राजकोट टेस्ट में काली पट्टी बांधकर उतरी टीम इंडिया
दत्ताजीराव गायकवाड़ पूर्व भारतीय बल्लेबाज और कोच अंशुमन गायकवाड़ के पिता थे. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने तीसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले एक बयान में कहा, ‘टीम इंडिया भारत के पूर्व कप्तान और देश के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर की याद में बांह पर काली पट्टी पहनेगी जिनका हाल में निधन हो गया था.’
जानिए क्या है वजह?
बता दें कि भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर और पूर्व कप्तान दत्ताजीराव गायकवाड़ का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण 13 फरवरी को निधन हो गया. वह 95 साल के थे. परिवार के एक सूत्र ने बताया था कि उन्होंने पिछले 12 दिनों से बड़ौदा के एक अस्पताल के आईसीयू में जिंदगी और मौत से जूझने के बाद आज सुबह अंतिम सांस ली. दत्ताजीराव गायकवाड़ ने 1959 में इंग्लैंड दौरे पर राष्ट्रीय टीम की कप्तानी भी की थी. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 1952 में लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया और उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच 1961 में चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ था.
बड़ौदा का प्रतिनिधित्व किया
दत्ताजीराव गायकवाड़ ने रणजी ट्रॉफी में 1947 से 1961 तक बड़ौदा का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने 47.56 की औसत से 3139 रन बनाए, जिसमें 14 शतक शामिल थे. दत्ताजीराव गायकवाड़ का सर्वोच्च स्कोर 1959-60 सत्र में महाराष्ट्र के खिलाफ नाबाद 249 रन था. वह 2016 में भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर बने थे. उनसे पहले पहले दीपक शोधन भारत के सबसे अधिक उम्र वाले टेस्ट क्रिकेटर थे. पूर्व बल्लेबाज शोधन का 87 वर्ष की आयु अहमदाबाद में निधन हुआ था.