नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया. 88.17 मीटर भाला फेंककर वो वर्ल्ड चैंपियन बने. नीरज ने तो कमाल करके पूरे देश को जश्न मनाने का मौका दे दिया, मगर उनके मुकाबले के बाद पूरे देश की नजर एक और मैच पर थी. जिसमें भारतीय टीम इतिहास तो पहले ही रच चुकी थी, मगर मेडल जीतना बाकी था, मगर वहां पर भारतीय टीम 1.21 सेकंड के अंतर से मेडल जीतने से चूक गई.
भारतीय मैंस 4*400 रिले टीम ने एशियन रिकॉर्ड तोड़ते हुए पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में एंट्री की थी. उसने अपनी हीट में यूएसए को कड़ी टक्कर दी थी. फाइनल में जब मोहम्मद अनस याहिया, अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल और राजेश रमेश की चौकड़ी ट्रैक पर उतरी तो पूरा देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की नजरें उन पर टिक गई, क्योंकि भारतीय टीम ने हर किसी को चौंकाते हुए फाइनल में एंट्री की थी, मगर 1.21 सेकंड से टीम का मेडल जीतने का ख्वाब चकनाचूर हो गया.
कुछ सेकंड से टीम चूकी
भारतीय टीम फाइनल में 5वें स्थान पर रही. भारतीय चौकड़ी ने 2 मिनट 59.92 सेकंड का समय लिया. अमेरिका ने 2:57.31 सेकंड के साथ गोल्ड, 2:58.45 सेकंड के साथ फ्रांस ने सिल्वर और 2:58.71 सेकंड के साथ ग्रेट ब्रिटेन ने ब्रॉन्ज जीता. भारतीय टीम ग्रेट ब्रिटेन से 1.21 सेकंड पीछे रही. चौथे स्थान पर जमैका की टीम रही.
क्वालिफाइंग में तोड़े 2 रिकॉर्ड
इससे पहले क्वालिफाइंग रेस में भारतीय टीम अमेरिका (2:58.47) के बाद दूसरे स्थान पर रही थी. जबकि भारत ने 2:59.05 सेकंड का समय लिया. हालांकि इसके साथ ही भारतीय टीम ने 2:59.51 सेकंड के एशियाई रिकॉर्ड और 3:00.25 सेकंड के नेशनल रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया. एशियाई रिकॉर्ड पहले जापान के नाम था.