पटना: लालू एवं तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चौतरफा हमले शुरू कर दिए हैं। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। इसकी झलक, बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान साफ नजर आ रही है। सदन के अंदर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से लेकर पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, नीतीश को जमकर घेर रहे हैं। खासकर सीएम के स्वास्थ्य और उम्र को लेकर वे लगातार सवाल उठा रहे हैं।
बीते 4 मार्च को विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त कार्यवाही के दौरान जब राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा चल रही थी। उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक-दूसरे पर तीखे हमले किए। इसके बाद दोनों ही नेता सदन के अंदर और बाहर एक-दूसरे पर और भी हमलावर हो गए।
वहीं, लालू यादव की पत्नी एवं विधान परिषद में विपक्ष की लीडर राबड़ी देवी ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में भांग पीकर आते हैं और महिलाओं का अपमान करते हैं। वहीं, तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सीएम सदन के अंदर महिलाओं को इशारे भी करते हैं। इसी तरह आरजेडी के राज्यसभा सांसद सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश के प्रधान सचिव दीपक कुमार पर सीधा हमला बोलते हुए उन पर अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने लोकसभा में इस मामले को उठाया।
दूसरी ओर, तेजस्वी यादव भी पूर्व में डीके टैक्स और सुपर सीएम जैसे शब्दों से उन अधिकारी पर निशाना साध चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि शारीरिक रूप से थके और मानसिक रूप से बीमार मुख्यमंत्री को एक अफसर चला रहा है। हालांकि, एक तथ्य यह भी है कि जनवरी 2024 तक जब राज्य में महागठबंधन की सरकार थी, तब भी दीपक कुमार शीर्ष अधिकारियों में से एक थे।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव यह भी आरोप लगा चुके हैं कि नीतीश कुमार 2005 से पहले और बाद के बिहार की तुलना कर अपनी घिसी-पिटी टेप चला रहे हैं। बार-बार वे एक ही तरह की बात अपने भाषणों में बोलते हैं। आरजेडी के नेता जहां नीतीश पर महिलाओं के अपमान का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, एनडीए नेता दावा कर रहे हैं कि नीतीश के आने के बाद ही बिहार में महिलाएं सुरक्षित हुईं।
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने पिछले दिनों कहा था कि नीतीश कुमार अभी 15 साल और काम करने वाले हैं। वहीं, जेडीयू सांसद संजय झा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी के नेता खुद नियंत्रण खो रहे हैं और हताशा में वे नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं। उन्हें पता चल गया है कि आगामी चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है।
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के प्रोफेसर रह चुके पुष्पेंद्र का कहना है कि चुनाव में आरजेडी और बीजेपी दोनों के लिए नीतीश जरूरी हैं। आरजेडी पहली बार नीतीश कुमार पर इतनी तीखी हमलावर हो रही है। लालू एवं तेजस्वी की पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि जेडीयू एक डूबता हुआ जहाज है। एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के पूर्व डायरेक्टर डीएम दिवाकर का कहना है कि आरजेडी नीतीश पर चौतरफा हमला कर यह दिखाना चाहती है कि बीजेपी ने उन्हें कमजोर कर दिया है।