Saturday, June 14, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home मुख्य खबर

बड़ी समस्या है खाने की बर्बादी

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
15/10/22
in मुख्य खबर, राष्ट्रीय
बड़ी समस्या है खाने की बर्बादी
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

अजय दीक्षित


भारत समेत कई विकसित और विकासशील देशों में खाने की बर्बादी बड़ी समस्या है। इस मामले में चीन के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है, जहां खाने की सबसे ज्यादा बर्बादी होती है। यह उस सदी में हो रहा है जहां दुनिया में लगभग 83 करोड़ लोग रोज भूखे सोते हैं । खाने की कमी और बर्बादी के में बारे में जागरूक करने के लिए हर साल अन्तर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है । इस दिन लोगों को खाने-पीने की चीजों की बर्बादी रोकने के लिए जागरूक किया जाता है। भोजन के नुकसान और बर्बादी को रोकने में मदद करने के लिए, हमें इसके प्रभाव के बारे में अधिक जागरूक और जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।

यूएनईपी की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना काल से पहले 93 करोड़ टन से ज्यादा खाना यानी 17 प्रतिशत खाना खराब हो गया था। इनमें 63 प्रतिशत खाना आम घरों से, 23 प्रतिशत खाना रेस्टोरेंट में और 13 प्रतिशत खाना रिटेल चेन में खराब हो गया था । यूएनईपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस लिस्ट में पहला स्थान चीन का है, जहां हर साल 9.6 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है. वहीं, भारत में एक साल में 6.87 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है । दुनिया के 10 प्रतिशत लोग यानि करीब 83 करोड़ लोग भूखे सोते हैं, जिन्हें खाना नसीब नहीं होता । दुनिया भर में हर साल लगभग 250 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है। नेशनल हेल्थ सर्वे के मुताबिक, भारत में हर रोज 19 करोड़ लोग भूखा सोते हैं । भारत में खाद्य उत्पाद का 40 फीसदी हिस्सा बर्बाद होता है । भारत में सालाना 92000 करोड़ रुपये का खाना बर्बाद होता है। 116 देशों में हंगर इंडेक्स सर्वे 2021 में भारत का स्थान 101वां हैं।

एक तरफ अफ्रीका के कई देशों में लोग दाने-दाने के लिए तरस रहे हैं, वहीं बहुत-से देशों में लाखों टन खाद्य पदार्थ खराब हो जाते हैं । एक अनुमान के अनुसार कुल उपज का 30 प्रतिशत गेहूं, चावल, मक्का आदि बर्बाद हो जाते हैं। करीब 45 प्रतिशत सब्जियां कचरे में फेंकी जाती हैं। भण्डारण सुविधाओं की कमी और सजगता के अभाव में भारत में भी हर साल 96,000 करोड़ रुपये के खाद्य पदार्थ कचरे में जाते हैं । इण्टरनेशनल डे ऑफ अवेयरनेस ऑफ फूड लॉस एण्ड वेस्ट दिवस के मौके पर जानकारों का कहना है कि समाज को जागरूक कर बड़े नुकसान से बचा जा सकता है। आधे भोजन की बर्बादी भी हम रोकने में सफल रहे तो खाद्यान्न समस्या सहित कई चुनौतियों से निजात मिल सकती है।

कैपजेमिनी रिसर्च इंस्टिट्यूट के अध्ययन के मुताबिक दुनिया में 81.1 करोड़ लोग कुपोषित हैं । 5 साल से कम उम्र के 45त्न बच्चों की मौत कुपोषण से होती है। हर साल लाखों टन भोजन बर्बाद होता है, आधा भी जरूरतमंदों को दिया जाये तो भुखमरी खत्म हो सकती है । अच्छी बात यह कि इसे लेकर 72त्न लोग सजग हैं।

भोजन बचाने की मुहिम में कई एनजीओ जुटे हैं। वैवाहिक समारोहों मैं बचा खाना ये गरीब ज़रूरतमंदों तक पहुंचाते हैं । रॉबिन हुड इण्डिया के वॉलंटियर देश के 41 शहरों में हैं । फीडिंग इंडिया डोनेट फूड 100 शहरों में काम कर रहा है । चेन्नई में रैप इट, केरल में शांतिमंदिरम और आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु व केरल में नो फूड्स वेस्ट काम कर रहा है । शेल्टर डॉन बास्को, मेरा परिवार, समर्पण फाउंडेशन, अन्नक्षेत्र जैसे कई संगठन सराहनीय काम कर रहे हैं।’कचरे में फेंके जाने वाले भोजन से पर्यावरण को नुकसान होता है । इससे हमारी जैव विविधता प्रभावित होती है। जमीन में माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा बढ़ती है । एफएओ के अनुसार बर्बाद खाद्य पदार्थों पर 250 अरब लीटर पानी खर्च होता है। परिवहन से लेकर रसोई में पकाने तक 38 प्रतिशत ऊर्जा खर्च होती है। उचित प्रबंधन के जरिए हम पानी और ऊर्जा बचा सकते हैं।

भोजन की बर्बादी रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल बनाया है। इसमें संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रोग्राम (यूएनईपी) शामिल हैं । यूएनईपी की रिपोर्ट 2021 के मुताबिक भारत में हर व्यक्ति के पीछे प्रतिदिन 137 ग्राम और साल में औसतन 50 किलो भोजन खराब होता है। इस आधार पर देश में सालाना 6 करोड़ 87 लाख 60 हजार 163 टन भोजन कचरे में जाता है ।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.