रायबरेली. यूपी के रायबरेली जनपद में एक दूल्हा अपनी नई नवेली दुल्हन को खुद के घर में ही प्रवेश नहीं दिला सका. लाल जोड़े में लिपटी दुल्हन और उपहार स्वरूप मिले सामान को लेकर दूल्हा घंटों अपने ही घर के दरवाजे पर बैठा रहा. भीषण गर्मी में घर के बाहर बैठा जोड़ा पसीना बहाता रहा, लेकिन उसके घर वाले नहीं पसीजे. आखिरकार दूल्हे की चाची ने पनाह दी तो नई नवेली दुल्हन को ससुराल की छत नसीब हुई है.
मामला शहर कोतवाली थाना इलाके के गल्ला मंडी का है, यहां वीरेंद्र सोनकर की बारात एक दिन पहले ही कृष्णा नगर मोहल्ले में गई थी. सब कुछ हंसी खुशी सम्पन्न हुआ. शनिवार देर रात बारातियों और घर वालों में किसी बात को लेकर मन मुटाव हो गया. दूल्हे के पिता, भाई और बहन रात को ही अपने घर लौट आये. अगले दिन दूल्हा वीरेंद्र सोनकर अपनी पत्नी को विदा कराकर लौट रहा था, तभी उसके पिता का फोन आया. पिता ने कहा दुल्हन को लेकर घर मत आना. वीरेंद्र फिर भी नहीं माना और दुल्हन के साथ उपहार स्वरूप मिले सामान को लेकर अपने घर पहुंच गया.
दुल्हन और दूल्हे का ये है आरोप
घर पहुंचने के बाद वीरेंद्र के घर वालों ने दरवाजा बन्द कर दिया तो वीरेंद्र वहीं दुल्हन के साथ बैठ गया. घर के बाहर बैठे जोड़े को देखकर रिश्तेदारों का दिल पसीजा तो घंटों बाद वीरेंद्र की चाची उन्हें अपने घर लेकर गई. इस मामले में बात करने के लिए वीरेंद्र का घर वाला कोई सामने नहीं आया, जबकि दुल्हन और दूल्हे का आरोप है कि दहेज में अपाचे गाड़ी और पचास हज़ार कैश न मिलने के कारण उन लोगों को घर में प्रवेश नहीं मिला.