नई दिल्ली: ग्लोबल इकॉनमी के लिए अच्छी खबर नहीं है। जापान के बाद ब्रिटेन की इकॉनमी भी मंदी में फंस चुके हैं। ब्रिटेन के ऑफिस ऑफ नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) के मुताबिक दिसंबर तिमाही में ब्रिटेन की इकॉनमी में 0.3% गिरावट रही। इससे पहले जुलाई से सितंबर के दौरान इसमें 0.1% की गिरावट आई है। ब्रिटेन की इकॉनमी में दिसंबर तिमाही में आई गिरावट 2021 की पहली तिमाही के बाद सबसे ज्यादा है। ब्रिटेन की इकॉनमी में पिछले करीब दो साल से ठहराव की स्थिति है। बैंक ऑफ इंग्लैंड का कहना है कि इकॉनमी के इस साल तेजी पकड़ने की उम्मीद है। ब्रिटेन के साथ-साथ जापान की इकॉनमी भी मंदी में फंस चुकी है। इसी तरह यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी को भी संघर्ष करना पड़ रहा है। इस बीच चीन की इकॉनमी भी कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है।
जापान की इकॉनमी भी मंदी में फंस चुकी है। लगातार दो तिमाहियों में इकॉनमी में गिरावट को मंदी कहा जाता है। दिसंबर तिमाही में जापान की इकॉनमी में 0.4 फीसदी गिरावट रही। इससे पहले जुलाई से सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी में 3.3% गिरावट आई थी। इसके साथ ही जापान दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में तीसरे से चौथे स्थान पर खिसक गया है। अर्थशास्त्री उम्मीद कर रहे थे कि दिसंबर तिमाही में जापान की इकॉनमी एक फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अक्टूबर में आईएमएफ ने कहा कि जापान को पछाड़कर जर्मनी दुनिया की तीसरी बड़ी इकॉनमी बन सकता है। बैंक ऑफ जापान ने स्पेंडिंग और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए साल 2016 में निगेटिव इंटरेस्ट रेट शुरू किया था और तबसे इसमें बदलाव नहीं किया है। इससे दुनियाभर के निवेशकों के लिए येन आकर्षित नहीं रह गया है। इससे येन की वैल्यू में और कमी आई है।