राजगढ़: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित तीन गांवों की कहानी अजीबोगरीब है।आलीशान बंगलों और धन-धान्य से भरपूर ये तीन गांव राजगढ़ जिले में आर्थिक समृद्धि के मामले में सबसे अलग है। हालांकि इसके पीछे की कहानी काफी भयावह है। इन तीन गांवों के लोगों पर देशभर में करीब 1200 मामले दर्ज हैं।
राजगढ़ जिले के इन गांवों से गलत गतिविधियां संचालित होती है। हाल ही में राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक पांच सितारा होटल में एक शादी के दौरान 14 वर्षीय लड़के द्वारा 1.45 करोड़ रुपये के कीमती सामान की चोरी ने इन गांवों- कड़िया सांसी, गुलखेड़ी और हुलखेड़ी को देश के अपराध मानचित्र पर ला दिया।
स्थानीय पुलिस का अनुमान है कि इन गांवों के लड़कों, पुरुषों, लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ देश भर में करीब 1200 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। करीब 5000 की आबादी वाला कड़िया सांसी गांव अवैध गतिविधियों का केंद्र है। इसके बावजूद सुरक्षा एजेंसियों के लिए इन गांवों में गिरफ्तारी करना आसान नहीं है। 10 अगस्त को ऐसे ही एक प्रयास के दौरान स्थानीय पुलिस के साथ गई तमिलनाडु के कोयंबटूर की एक पुलिस टीम पर बोडा थाना के अंतर्गत गुलखेड़ी गांव में हमला किया गया था।
बोदा के थाना प्रभारी रामकुमार भगत ने पीटीआई को बताया कि इन गांवों के लोगों पर स्थानीय मामले कम हैं। लेकिन, इन गांवों के लोगों विशेषकर कड़िया सांसी के लोगों पर देश के विभिन्न हिस्सों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनके बारे में हमें तभी पता चलता है जब बाहरी पुलिस हमसे संपर्क करती है। बताया कि पूरे देश में इन लोगों के खिलाफ 1000-1200 मामले दर्ज हो सकते हैं।
भगत ने कहा कि जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर इन तीन गांवों के लोगों को लूट, चोरी और अन्य अपराधों से आसानी से पैसा मिल जाता है। वे ऐसा करने के लिए एक दूसरे को प्रेरित करते हैं। चूंकि इनमें से अधिकतर लोग अपराधों से जुड़े हुए हैं, इसलिए इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। इन गांवों की महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक अपराध करते हैं।
भगत ने कहा कि एक स्थानीय पुलिस टीम पर भी पत्थरों से हमला किया गया, जब वह कोयंबटूर में हुए एक अपराध के आरोपियों के बारे में पता लगाने के लिए तमिलनाडु पुलिस के साथ गई थी। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम पर पथराव करने वालों की तलाश की जा रही है। भगत ने बताया कि कड़िया सांसी गांव में बाहरी लोगों को भी चोरी और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। कहा कि इस गांव के लोग अपराध करने से पहले रेकी करते हैं।
वहीं, कड़िया सांसी गांव के सरपंच मोहन सिंह ने दावा किया कि गांव के लोग शिक्षित हैं और प्रमुख शहरों में काम करते हैं। सिंह ने फोन पर पीटीआई को बताया कि ऐसे कुछ लोग हो सकते हैं जो ऐसी घटनाओं में शामिल हो सकते हैं। लेकिन यहां के लोग काफी पढ़े-लिखे हैं। हर घर से 2-3 लोग बड़े शहरों में काम करते हैं। हमारे बच्चे अच्छे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
सरपंच ने इस क्षेत्र को आपराधिक गतिविधियों के लिए प्रजनन स्थल होने की रिपोर्टों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। सिंह ने उन खबरों का भी खंडन किया कि इन गांवों के लोगों द्वारा बच्चों को अपराध करने में विशेषज्ञ बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जयपुर में एक नाबालिग और 1.45 करोड़ रुपये के कीमती सामान की चोरी के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि लड़के ने कल्पना नहीं की होगी कि उसने जो बैग उठाया था, उसमें क्या था। सिंह ने कहा कि उसने सोचा होगा कि उसे जेब खर्च के लिए 10-20 हजार रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि गांव में हर किसी के पास जमीन और संपत्ति है। हम आतंकवादी नहीं हैं। यह टेक्नोलॉजी का युग है। जो लोग पहले ऐसे अपराधों में शामिल थे, वे चले गए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि पिछले छह महीनों में पुलिस ने कड़िया गिरोह के 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 4.37 करोड़ रुपये का माल और कीमती सामान जब्त किया है। राजगढ़ के एसपी आदित्य मिश्रा ने कहा कि कड़िया सांसी के लोग न केवल मध्य प्रदेश में बल्कि अन्य राज्यों में भी आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय हैं।
जयपुर में चोरी का जिक्र करते हुए मिश्रा ने कहा कि 8 अगस्त को राजस्थान की राजधानी के एक पांच सितारा होटल में तेलंगाना के एक व्यवसायी के बेटे की शादी के दौरान एक 14 वर्षीय लड़के ने कथित तौर पर 1.45 करोड़ रुपये के आभूषण और कीमती सामान से भरा एक बैग चुरा लिया। उन्होंने बताया कि जब तक दूल्हे की मां को चोरी के बारे में पता चला, लड़का और उसका साथी कार्यक्रम स्थल से भाग चुके थे। हालांकि राजगढ़ पुलिस ने 24 घंटे के भीतर आरोपियों को पकड़ लिया।