नई दिल्ली: UPI पॉपुलर पेमेंट प्लेटफॉर्म है, जिस पर PhonePe और Google Pay जैसे यूपीआई पेमेंट प्लेटफॉर्म बेस्ड है। हालांकि इस पूरे मार्केट पर फोनपे और गूगलपे का दबदबा मौजूदा है, जिसे भारत सरकार कम करना चाहती है। भारत में हर माह 10 बिलियन से ज्यादा यूपीआई लेनदेन हो रहे हैं।
भारत में UPI एक पॉपुलर पेमेंट प्लेटफॉर्म है। अगर यूपीआई पेमेंट की बात करें, तो भारत में PhonePe और Google Pay का दबदबा मौजूद है। मतलब करीब 80 फीसद यूपीआई पेमेंट मार्केट फोनपे और गूगल पे का कब्जा है। वही पेटीएम पर लगे बैन के बाद से गूगल पे और फोनपे के मार्केट शेयर में तेज बढ़ोतरी संभावना है, जिसे लेकर सरकार थोड़ा सतर्क हो गई है।
मंथली 10 बिलियन से ज्यादा लेनदेन
जैसा मालूम है कि फोनपे और गूगल पे दोनों अमेरिकी टेक कंपनियां है। ऐसे में सरकार नहीं चाहती है, कि भारतीय यूपीआई मार्केट पर केवल दो अमेरिकी UPI कंपनियों का कब्जा रहे। ऐसे में सरकार एक नया प्लान बना रही है, जिससे अमेरिकी कंपनियों के बददब को कम किया जा सके। बता दें कि भारत में हर माह करीब 10 बिलियन से ज्यादा यूपीआई लेनदेन हो रहे हैं।
30 फीसद कैपिंग की सिस्टम
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई यूपीआई मार्केट में कुछ ही कंपनियों का कब्जा नहीं चाहती है। ऐसे में यूपीआई पेमेंट सर्विस को सीमित करके 30 फीसद किया जा सकता है। इससे वॉलमार्ट बैक्ड फोनपे और एल्फाबेट की गूगल पे के दबदबे को कम किया जा सकता है।
खत्म होगा PhonePe और Google Pay
पिछले दिनों संसदीय पैनल ने घरेलू फिनटेक फर्म को सपोर्ट करने की मांग की गई, जिससे फोनपे और गूगल पे के दबदबे को कम किया जा सके। यह प्रस्ताव उस वक्त आया, जब सेंट्रल बैंक ने पेटीएम को बंद कर दिया था। रियल-टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम यूपीआई को साल 2016 में लॉन्च किया गया था। यूपीआई नेटवर्क में करीब 500 बैंक शामिल हैं। वही 70 मिलियन से ज्यादा मर्चेंट करीब मंथली 10 बिलियन से ज्यादा लेनदेन कर रहे हैं।