उत्तराखंड में भगवान विष्णु के आठवें बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट आज ब्रह्म मुहुर्त में 4.15 मिनट पर विधि-विधान और धार्मिक अनुष्ठान के बाद खोल दिये गये है. ग्रीष्म काल में निरंतर भगवान बदरीविशाल की पूजा-अर्चना होगी. इस मौके पर मंदिर तथा मंदिर मार्ग को श्री बदरी-केदार पुष्प सेवा समिति की ओर से लगभग 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था. वहीं सुबह तीन बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी.
श्री कुबेर जी बामणी गांव से लक्ष्मी द्वार से मंदिर प्रांगण पहुंचे. उद्धव जी भी मुख्य द्वार से अंदर पहुंचे. प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुले. इस खास अवसर पर कुछ ही लोग अखंड ज्योति के गवाह बने. रावल द्वारा गर्भगृह में प्रवेशकर मां लक्ष्मी को उनके परिक्रमा स्थित मंदिर में विराजमान किया. जिसके बाद भगवान के सखा उद्धव जी एवं देवताओं के खजांची कुबेर जी मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो गए.
Portals of Uttarakhand's Badrinath temple open with rituals in a ceremony that took place at 4.15 am today pic.twitter.com/mft1rMe5Rn
— ANI (@ANI) May 18, 2021
कपाट खुलने के दौरान मंदिर प्रशासन के लोग रहे मौजूद
कोरोना महामारी के कारण प्रदेश सरकार ने अस्थायी तौर पर चार धाम यात्रा स्थगित है, लेकिन धामों के कपाट निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही खोले जा रहे हैं. इसी के तहत बदरीनाथ धाम के कपाट ब्रह्म बेला पर चार बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान और वेद मंत्रोच्चार के बीच खोल दिए गए हैं. कोरोना संक्रमण के चलते इस दौरान बदरीनाथ धाम के श्रद्धेय रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी जी और धर्माधिकारी भुवन चंद उनियाल जी की अगुवाई में तीर्थ पुरोहित सीमित संख्या में मंदिर में भगवान बदरी विशाल की पूजा-अर्चना नियमित रूप से करेंगे. वहीं देवस्थानम बोर्ड के कुछ कर्मचारी ही मौजूद रहे.
सीएम रावत ने कपाट खुलने पर दी शुभकामनाएं
प्रदेश के मुक्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा हैं कि कोरोना महामारी के कारण अस्थायी तौर पर चार धाम यात्रा स्थगित है. मेरा आप सभी से अनुरोध है कि भगवान के वर्चुअली दर्शन करें तथा अपने घरों में ही पूजा-अर्चना करें और धार्मिक परम्पराओं का निर्वहन करें.श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. उन्होंने बताया है कि भगवान विष्णु के आठवें बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट आज ब्रह्म मुहुर्त में 4.15 मिनट पर विधि-विधान और धार्मिक अनुष्ठान के बाद कपाटोद्घाटन किया गया. जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है. मैं भगवान बदरी विशाल से प्रदेशवासियों की आरोग्यता की कामना करता हूं.
भगवान हनुमान के दर्शनों के बाद डोली पहुंची बदरीनाथ धाम
गौरतलब हैं कि सोमवार सुबह योगध्यान बदरी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद भगवान बदरी विशाल की उत्सव डोली के साथ ही शंकराचार्य गद्दी व गाडू घड़ा बदरीनाथ धाम के लिए रवाना किया गया है. इस दौरान पांडुकेश्वर, विष्णुप्रयाग, लामबगड़ आदि स्थानों पर उत्सव डोली की पूजा-अर्चना की गई. हनुमानचट्टी में भगवान हनुमान के दर्शनों के बाद डोली बदरीनाथ धाम पहुंची.
भगवान के कपाट खुले छह माह के लिए
बता दें कि कपाट खुलने से पहले जिन चाबियों की पूजा होती है उनमें से गर्भ गृह के द्वार पर लगे ताले की चाबी मंदिर प्रबंधन द्वारा डिमरी पुजारी भितला बड़वा को सौंपी जाती है और गर्भ गृह का ताला भितला बड़वा के द्वारा ही खोला जाता है. इस तरह गर्भगृह द्वार खुलते ही विधिवत तौर पर भगवान के कपाट छह महीने के यात्रा काल के लिए खुल जाते हैं. कपाट खुलते ही सभी भक्तों को भगवान बदरी विशाल की अखंड ज्योति के दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त होता है.
खबर इनपुट एजेंसी से