चमोली: जो बोले सो निहाल के जयकारों के साथ पंज प्यारों की अगुआई में आज सुबह ठीक दस बजे हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। दिव्य पल के साक्षी बनने के लिए करीब पांच हजार श्रद्धालु वहां मौजूद रहे।
हेमकुंड साहिब के दर्शनों को लेकर सिख श्रद्धालुओं में उत्साह बना हुआ है। शनिवार को ही गोविंदघाट गुरुद्वारे में अखंड साहिब को भोग अर्पित करने के बाद शबद कीर्तन आयोजित किया गया। सुबह आठ बजे सेना और पंजाब से आए बैंड के मधुर धुन के बीच पंज प्यारों की अगुवाई में श्रद्धालुओं का पहला जत्था घांघरिया के लिए रवाना हुआ।
गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि शनिवार शाम चार बजे पहला जत्था घांघरिया पहुंच गया था। रविवार को सुबह पांच बजे जत्थे में श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुए।
दो महीने में पुल तैयार होना बड़ी उपलब्धि
उन्होंने बताया कि हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए श्रद्धालु कई महीने तक इंतजार करते हैं। बताया कि दो माह पूर्व गोविंदघाट का वाहन पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। हमें चिंता थी कि यदि पुल समय पर नहीं बना तो यात्रा प्रभावित होगी, लेकिन सरकार और प्रशासन के सहयोग से नया पुल बनकर तैयार हो गया है। जिससे अब यात्रा में कोई रुकावट नहीं आई। यह बड़ी उपलब्धि है।
आस्था पथ पर खुलने लगीं दुकानें
हेमकुंड साहिब के 13 किलोमीटर लंबे पैदल आस्था पथ पर जगह-जगह दुकानें खुलनी शुरू हो गई हैं। जिससे यात्रा मार्ग पर चहल-पहल दिख रही है। गोविंदघाट में भी दुकानें खुलने से रौनक बढ़ गई है। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर गोविंदघाट से पुलना तक श्रद्धालु वाहन से जाते हैं, जबकि यहां से हेमकुंड साहिब तक पैदल यात्रा होती है। यात्रा मार्ग पर पुलना से हेमकव ढाबे संचालित होते हैं।