नई दिल्ली : गोवा देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां फ्री में आईवीएफ ट्रीटमेंट होगा. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को गोवा मेडिकल कॉलेज में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART)और IUI फैसिलिटी को लॉन्च किया. जीएमसी के सुपर-स्पेशियलिटी ब्लॉक में आईवीएफ सुविधा का लाभ उठाने के लिए लगभग 100 माता-पिता पहले ही पंजीकरण करा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक के बाद एक उपलब्धि हासिल कर रही है.
हर साल 4300 डिलीवरी
मुख्यमंत्री ने कहा, “विशेष देखभाल की आवश्यकता को पहचानते हुए हमने एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया स्थापित की है. बांझपन के रोगियों को प्रसूति एवं स्त्री रोग ओपीडी से एआरटी केंद्र में रेफर किया जाएगा, जिससे डॉयग्नोसिस से उचित कार्य, परामर्श और उपचार तक निर्बाध संक्रमण सुनिश्चित किया जा सकेगा. यह व्यापक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक रोगी को व्यक्तिगत ध्यान और सर्वोत्तम संभव देखभाल मिले.” सीएम ने कहा कि विभाग हमेशा चिकित्सा देखभाल का एक बिजी केंद्र रहा है और हर साल कई रोगियों की जरूरतों को पूरा करता है. विभाग में हर साल 19,000 ओपीडी मरीज और 4,300 डिलीवरी होती हैं. उन्होंने कहा, आज हम बांझपन के रोगियों की जरूरतों को पूरा करके एक कदम आगे बढ़ रहे हैं.
गोवा में बना देश का पहला अस्पताल
इस अवसर पर उपस्थित स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि जब लोग इलाज के लिए राज्य से बाहर जाते हैं तो उन्हें राइड के रूप में लिया जाता है. “यह देश का पहला अस्पताल है जहां आईवीएफ उपचार निःशुल्क होगा. मरीजों से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा और पैसा सीएसआर के माध्यम से आएगा.”राणे ने कहा कि आईवीएफ उपचार के लिए लोग पुणे या कोल्हापुर जाते हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड में 2 करोड़ रुपये मिले हैं. इस पैसे का उपयोग उपकरण खरीदने के लिए किया गया था. हम सर्वोत्तम सुविधा प्रदान करने में सक्षम होंगे.