हरिद्वार: जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद हरीश रावत ने हरिद्वार में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बावजूद प्रभारी मंत्रियों की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाए। हरीश रावत ने कहा कि घरों में रखा राशन बाढ़ से खराब हो गया और खेतों की फसलें नष्ट हो गईं। जिससे ग्रामीणों और जानवरों के भूखे मरने की नौबत आ गई है। लगातार जलभराव से सांप और चूहे मर रहे हैं। जिससे बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है।
जिलों के प्रभारी मंत्री कहां हैं?
हरीश रावत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूछा कि जिलों के प्रभारी मंत्री कहां हैं? इससे पहले कि लोग भूख और बीमारियों से मरने लग जाएं और हालात बद से बदतर हो जाएं। मुख्यमंत्री धामी और उनकी टीम को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर जमीनी स्तर पर राहत और बचाव कार्य करने चाहिए।
उन्होंने जिलाधिकारी से भी आग्रह किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कराया जाए और राहत व बचाव कार्य में तेजी लाते हुए सहायता राशि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से प्रभावितों के खातों में भेजी जाए। इतना ही नहीं महंगाई को देखते हुए मुआवजे का मानक बदलकर दोगुना किया जाए। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मासूमियत पर दया आती है।
मंत्री जिलों में जाने के लिए तैयार नहीं
धामी के निर्देशों के बावजूद प्रभारी मंत्री जिलों में जाने के लिए तैयार नहीं है। हरिद्वार से किसी भाजपा विधायक को कैबिनेट में जगह ना मिलने पर तंज कसते हुए हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार जिला इन दिनों नेतृत्व विहीन है। उन्होंने सतपाल महाराज का नाम लिए बगैर कहा कि लेकिन जिले में प्रभारी मंत्री की तैनाती तो की गई है। वह मंत्री अभी तक हरिद्वार क्यों नहीं पहुंचे।