नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और विपक्ष के हमलों का सामना कर रही केंद्र सरकार ने NEET-UG में कथित अनियमितताओं और UGC-NET परीक्षा रद्द करने के विवाद के बीच शनिवार को एक बड़ा एक्शन लिया. सरकार ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के चीफ को उनके पद से हटा दिया. NTA के पुराने महानिदेशक (DG) सुबोध कुमार को पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह अब रिटायर्ड IAS प्रदीप सिंह खरोला NTA के नए महानिदेशक होंगे.
NTA में सुधार के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन
बीते दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनटीए में आंतरिक सुधार के संकेत दिए थे. इसे लेकर सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है.
NEET में धांधली, क्यों कठघरे में बेहद सुरक्षित माने जाने वाली परीक्षा प्रणाली?
इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर BoG अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली हाईलेवल कमेटी परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना व कार्यप्रणाली पर सिफारिशें पेश करेगी और दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी.
सारी उंगलियां NTA की तरफ
इस बीच शिक्षा मंत्रालय ने NEET-UG परीक्षा में कथित गड़बड़ियों का मामला व्यापक जांच के लिए CBI को सौंप दिया है. रविवार को होने वाली नीट-पीजी प्रवेश परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है. फिलहाल सारी उंगलियां NTA की तरफ उठ रही हैं जिसकी जिम्मेदारी अब नए प्रमुख प्रदीप सिंह खरोला के कंधों पर है.
कौन हैं नए DG प्रदीप सिंह खरोला?
प्रदीप सिंह खरोला फिलहाल आईटीपीओ के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. इससे पहले वह सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. वह इसके एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक थे. इससे पहले वह बेंगलुरु मेट्रो रेल निगम के प्रबंध निदेशक रहे हैं. एयर इंडिया में शीर्ष पद पर उन्हें ऐसे समय लाया गया था जब सरकार राष्ट्रीय विमानन कंपनी के रणनीतिक विनिवेश के तौर तरीकों को अंतिम रूप दे रही थी.
वह 1985 बैच के कर्नाटक के आईएएस अधिकारी हैं. खरोला 2012-13 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रहे. उन्होंने कर्नाटक में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कापोर्रेशन (केयूआईडीएफसी) का नेतृत्व भी किया है. यह कापोर्रेशन शहरों में आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से धन जुटाता है.
प्रदीप सिंह खरोला के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या?
हाल के NEET पेपर विवाद और UGC-NET की परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर NTA पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. पेपर लीक को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है और छात्र देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में प्रदीप खरोला के सामने सबसे बड़ी चुनौती परीक्षा प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना होगी ताकि NTA पर लोगों का भरोसा बरकरार रहे.
कब बना था NTA?
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने साल 2017 में हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स के एंट्रेंस एग्जाम के लिए एक सिंगल, स्वतंत्र, स्वायत्त निकाय स्थापित करने की घोषणा की थी. 1 मार्च 2018 को, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को औपचारिक रूप से स्थापित किया गया. इस एजेंसी को विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षाएं (NEET, JEE Main, UGC NET आदि) आयोजित कराने का जिम्मा सौंपा गया. ताकि परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी, कुशल और निष्पक्ष रहे.
बार-बार फेल साबित हो रहा NTA का मॉडल
NTA का गठन इसलिए किया गया था, ताकि प्रवेश परीक्षाओं को दोषमुक्त किया जा सके लेकिन NTA का मॉडल बार-बार फेल हो रहा है. 21 जून की रात CSIR-UGC-NET की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया. ये परीक्षा 25 से 27 जून के बीच होनी थी. परीक्षा आगे बढ़ाने की वजह संसाधनों की कमी बताई गई है.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, असम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर… ये देश के वो 15 राज्य हैं जहां पिछले 5 साल में 41 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए. सभी बड़े राज्यों के करोड़ों छात्र इससे पीड़ित हैं. NEET की परीक्षा में गड़बड़ी के बाद हो रहे इस विरोध ने तो बस इस आक्रोश को आवाज दी है.
विवाद और गड़बड़ियों से भरा NTA का इतिहास
NTA को साल 2018 में बनाया गया, लेकिन इसकी स्थापना के बाद से तकरीबन हर साल परीक्षा में गड़बड़ी और धांधली के आरोप लगे हैं. साल 2019 में JEE मेंन्स के दौरान छात्रों को सर्वर में खराबी होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा. NEET अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम 2020 में एनटीए पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे. एग्जाम को कई बार स्थगित करना पड़ा था. साल 2021 में JEE मेन्स के एग्जाम में कुछ गलत प्रश्न को लेकर भी हंगामा देखने को मिला था.
2021 में ही NEET परीक्षा में राजस्थान के भांकरोटा में सॉल्वर गैंग द्वारा गड़बड़ी करने का मामला सामने आया था. विभिन्न केंद्रीय, राज्य, प्राइवेट और डीम्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए आयोजित कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में साल 2022 में गड़बड़ी की शिकायतें हुई थीं. NTA की स्थापना के 6 सालों में सिर्फ 2 बार, साल 2018 और 2023 में पेपरलीक और गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली, वरना NTA बनने के बाद तकरीबन हर साल परीक्षा सवालों में घिरी रही है.