नई दिल्ली। Budget 2023 सरकार की ओर से बुधवार को ‘one size fits all’ के अप्रोच के बजाय ‘रिस्क के आधार’ को अपनाकर केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रस्ताव रखा गया। इसके साथ बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिलॉकर सेवा के माध्यम से पहचान और पते को अपडेट करने के लिए ‘वन स्टॉप सॉल्यूशन’ पेश करने का भी प्रस्ताव रखा। वहीं, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए सरकारी एंजेसियों में पैन अब पहचान के बेसिक डॉक्युमेंट रूप में मान्य होगा।
बजट में हुआ ये ऐलान
वित्त मंत्री ने भाषण देते हुए कहा कि केवआईसी प्रोसेस को ‘one size fits all’ के अप्रोच के बजाय ‘रिस्क के आधार’ को अपनाकर आसान बनाया जाएगा। डिजिटल इंडिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय क्षेत्र के नियामकों की ओर से भी केवाईसी प्रणाली को प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों, नियामकों और संस्थाओं द्वारा बनाए गए व्यक्तियों की पहचान और पते के मिलान के लिए एक स्टॉप सॉल्यूशन लाया जाएगा और यह डिजिलॉकर सर्विस और आधार को मूलभूत पहचान के रूप में उपयोग करके स्थापित किया जाएगा।
पैन का बढ़ेगा दायरा
सीतारमण ने आगे कहा कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए एक स्थायी खाता संख्या होनी आवश्यक है, पैन का उपयोग सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल सिस्टम के लिए सामान्य पहचानकर्ता के रूप में किया जाएगा। इससे देश में व्यापार करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही विभिन्न सरकारी एजेंसियों को एक ही सूचना को अलग-अलग जमा करने की आवश्यकता को कम करने के लिए ‘एकीकृत फाइलिंग प्रक्रिया’ की एक प्रणाली स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। ऐसा होने से एजेंसिया आसानी से सूचना एक-दूसरे के साथ साझा कर पाएंगी।