देहरादून : उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government ) के आदेश के बाद जोशीमठ में हाईवे पर निर्माण संबंधी सभी गतिविधियां पूरी तरह बंद है. पहाड़ों को काटने पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है. बावजूद इसके मनमानी करते हुए जोशीमठ में रात के अंधेरे में भारी मशीनों से पहाड़ों को काटा जा रहा है. ऐसे में जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव के बीच पहाड़ काटने की ये गतिविधि काफी घातक साबित हो सकती है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार तड़के सुबह दो बजे हाइवे के पास पहाड़ के पत्थरों को मशीनों से तोड़ते हुए देखा गया. मशीनों की आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई दे रही थी. पत्थरों को तोड़ने के लिए एक बड़ी ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा था. हालांकि, ड्रि्लिंग मशीन किस कंपनी की थी, इस बात अभी तक पता नहीं लग पाया है.
‘जलजमाव के स्थान का पता लगाने की जरूरत’
इस बीच गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने जोशीमठ की स्थिति के बारे में जानने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और सब्सिडेंस जोन (प्रभावित क्षेत्र) में भूमिगत जल जमाव के स्थान का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया. ऐसा माना जा रहा है कि जमीन के नीचे पानी जहां जमा हुआ है वह इलाका जोशीमठ में है लेकिन अभी पानी के स्रोत का पता नहीं चल पाया है.
‘भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए’
अधिकारियों के केंद्रीय दल ने कहा कि प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए पहचाने गए क्षेत्रों का भी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि इस मुद्दे को हल करने के लिए संबंधित सभी संस्थानों के वैज्ञानिकों की मदद ली जाएगी और राज्य सरकार को केंद्र की ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय टीम से कहा कि जोशीमठ सांस्कृतिक, धार्मिक और सामरिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण शहर है और इसके जीर्णोद्धार के लिए एकीकृत प्रयासों की जरूरत होगी.उन्होंने कहा कि इलाके को बचाने और प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित शहर के लोगों के लिए एक राहत पैकेज तैयार कर रही है, जिसे जल्द ही केंद्र को भेजा जाएगा. जोशीमठ में जमीन धंसने से बुरी तरह प्रभावित दो होटलों को यांत्रिक रूप से हटाने का भी फैसलाा किया गया है.