भारत में तमाम ऐसी रहस्यमयी जगहें हैं, जिनका राज आज तक कोई नहीं जान पाया है. ऐसी ही एक जगह है कि देवभूमि उत्तराखंड में रूपकुंड झील. ये झील 16 हजार फीट की उंचाई पर मौजूद है. उत्तराखंड के चमोली जिले की ये रूपकुंड झील को ग्लेशियर लेक से भी जाना जाता है.
शायद आप भी इस बात पर भरोसा न कर पाएं कि इतनी उंचाई पर मौजूद ये झील मानव कंकालों के लिए ही जानी जाती है. यहां पर सैंकड़ों मानवीय कंकाल आपको दिख जाएंगे. झील के चारों ओर पाए गए मानव कंकाल दशकों से एक रहस्य बने हुए हैं. इन कंकालों को लेकर कई तरह की थ्योरी सामने आ चुकी हैं. लेकिन सबसे प्रचलित बात यही है कि ये कंकाल 9वीं शताब्दी रूपकुंड झूल पर आए तीर्थयात्रियों के हैं. उस दौरान खूब बर्फबारी हुई, जिसके चलते उनकी मौत हो गई.
ये झील आस-पास बर्फ के ढके पहड़ों से घिरी हुई है. रूपकुंड झील का ट्रेक को भारत के सबसे मुश्किल ट्रेक में गिना जाता है. इस ट्रेक तको पूरा करने में 7 से 8 दिनों का समय लग जाता है. लेकिन मानव कंकालों के रहस्य के अलावा, रूपकुंड झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आसपास के हिमालय की चोटियों के आश्चर्यजनक दृश्यों की खूबसूरती के लिए भी जानी जाती है.