गंधवानी विधानसभा कपास की खेती के लिए मशहूर है। साथ ही यहां के किसान सोयाबीन और गेहूं की भी बंपर खेती करते हैं। इस वजह से गंधवानी का नाम उन्नतशील कृषि के लिए भी जाना जाता है। घुमावदार ऊंची-नीची सड़कों के बीच पहाड़ियों पर बसे एवं जंगलों के बीच रहने वाले वनवासी बंधु इस विधानसभा के मतदाता हैं। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद गंधवानी विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी। उसके बाद से अब तक यहां से कांग्रेस के उमंग सिंघार विधायक हैं। आवागमन एवं कनेक्टिविटी के लिहाज से पूरे क्षेत्र में पिछले 10 से 15 वर्षों में अच्छी सड़कों का जाल बिछा है। किसानों के लिहाज से कृषि मंडी व्यवस्थाओं से भरपूर है।
गंधवानी के ग्राम जिराबाद में बने मान डैम की नहरों के माध्यम से किसान भरपूर सिंचाई कर रहे हैं। वहीं करोड़ों रुपये की लागत से बरखेड़ा तालाब भी बनकर लगभग तैयार है। गंधवानी में सड़कों का अच्छा जाल बिछा हुआ है। बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में भी खूब काम हुआ है। शासकीय महाविद्यालय, खेल मैदान बने हैं। इस सबके बावजूद अस्पतालों संसाधनों का अभाव है। उपचार के लिए डाक्टरों की कमी है। विद्यालय भवन, सिंचाई के तालाब एवं ग्रेवल मार्ग के लिए भी यहां बहुत कुछ काम हुआ है। पानी की तो इस क्षेत्र में भरपूर व्यवस्था है, किंतु समय-समय पर किसानों को खाद नहीं मिलने की वजह से गंधवानी विधानसभा के किसान सुर्खियों में रहते हैं।
विकास कार्य
- मान डैम से पेयजल के लिए 300 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति लगातार प्रयास के बाद मिली।
- 84 करोड रुपये की लागत से अवल्दा-बाग रोड का निर्माण।
- लगातार प्रयास करके 134 करोड रुपये की नल-जल योजना पूरे विधानसभा के लिए स्वीकृत कराई।
- कोविड-19 के समय विधानसभा क्षेत्र के तीनों अस्पतालों में 90 लाख रुपये खर्च करके आक्सीजन प्लांट लगाए।
- 119 करोड़ रुपये की विधानसभा के कई गांवों में तलाई मंजूर करवाई।
- 36 करोड़ रुपये की लागत से तालाबों का निर्माण करवाया।
- 30 करोड़ की लागत से क्षेत्र में सड़कों का निर्माण करवाया।
- 2 करोड़ 17 लाख रुपये की लागत से पानी के टैंकरों का वितरण।
- सुदूर सड़क योजना के अंतर्गत 20 करोड़ 87 लाख रुपये की स्वीकृति करवाई।
- 5 करोड़ 84 लाख रुपये की डीपी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में किसानों के लिए लगवाई।
विधायक की सक्रियता
विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों तक विधायक उमंग सिंघार की सक्रियता नजर आती है। गांव-गांव तक संगठन मजबूत होने की वजह से छोटे-छोटे से कामों की जानकारी विधायक तक पहुंचती है। विधायक लगातार इस क्षेत्र में में कार्यक्रमों के माध्यमों से सक्रिय रहते हैं। ग्रामीणों व किसानों की समस्याओं को सुनकर विधानसभा में उठाते रहते हैं। इस वजह से भी सक्रियता नजर आती है। क्षेत्र में बन रहे तालाबों के कारण विस्थापित परिवारों को मुआवजा दिलाने की बात को विधायक ने जोर-शोर से उठाया है। सरकार से लड़कर गंधवानी विधानसभा में राशि मंजूर करवाने में भी विधायक सक्रिय रहते हैं।
क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
- शासकीय महाविद्यालयों में संकाय तथा व्याख्याताओं की कमी
- अस्पताल में डाक्टरों की कमी से बड़े शहरों की तरफ जाना पड़ता है
- सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती।
- रोजगार नहीं मिलने की वजह से मजदूरों का पलायन।
- बरखेड़ा डैम के विस्थापितों को सही रूप से मुआवजा नहीं मिल पाया।