गोपेश्वर : आज 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है। इस दौरान सभी मंदिरों को बंद रखा जाता है, लेकिन उत्तराखंड का एक ऐसा भी मंदिर है जिसे ग्रहण के दौरान बंद नहीं किया जाता है। चमोली जिले के उर्गम घाटी में कल्पेश्वर तीर्थ एकमात्र ऐसा मंदिर है। जिसका कपाट किसी भी ग्रहण काल में बंद नहीं होता, यह परंपरा पौराणिक कल से सतत चली आ रही है। 24 घंटे यह मंदिर खुला रहता है और कभी भी इस मंदिर के गर्भगृह में ताला नहीं लगाया जाता है।
यहीं पर हुई थी देवताओं और दानवों की बैठक
मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव के जटा भाग होने के चलते ताला नहीं लगाया जाता है, क्योंकि शिव के जटाओं से गंगा को रोका जाता है। इसलिए ग्रहण काल में भी ये मंदिर खुला रहता है।
ग्रहण के दौरान आज भी कल्पेश्वर मंदिर बंद नहीं
कल्पनाथ प्रबंध समिति के सचिव रघुबीर सिंह नेगी का कहना है की शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान शिव ने जटाओं से मां गंगा को रोका था। इसलिए यहां कपाट बंद नहीं होते। समुद्र मंथन के दौरान यहीं पर देवताओं और दानवों की बैठक हुई थी। ग्रहण के दौरान आज भी कल्पेश्वर मंदिर बंद नहीं है।
ग्रहण काल में बंद चारों धाम
25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण के दिन बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धाम के मंदिर बंद किए गए हैं। पंचांग गणना के अनुसार 25 अक्टूबर मंगलवार प्रात: चार बजकर 26 मिनट से शाम पांच बजकर 32 मिनट ग्रहण सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।
सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार आज 25 अक्टूबर को दोपहर बाद 02 बजकर 29 मिनट से शुरू हुआ और शाम 06 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।
ग्रहण प्रारंभ और समाप्त का समय
ग्रहण सूतक प्रारंभ 25 अक्टूबर 2022 को प्रात: 4 बजकर 26 मिनट पर रहा। ग्रहण से ठीक पहले मंदिर बंद कर दिए गए। पंचांग के अनुसार आज शाम 5 बजकर 32 मिनट तक ग्रहण सूतक काल रहेगा। ग्रहण समाप्ति पश्चात मंदिरों में साफ सफाई कर शाम की पूजा और आरती संपन्न होंगी।