नई दिल्ली। पाकिस्तान गाहे-बगाहे भारत को युद्ध की धमकी देता रहता है और अपनी शेखी बघारने में जुटा रहता है। हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तान को सटीक जवाब दे दिया है। भारत का ऑल पार्टी डेलिगेशन दुनिया के अलग-अलग देशों में पाकिस्तान की काली करतूत सबूतों के साथ पेश कर रहा है। इन सबके बीच वर्ल्ड बैंक की हालिया रिपोर्ट ने शहबाज शरीफ सरकार और उनके देश के हालात की पोल खोल दी है। आईएमएफ और दूसरी संस्थाओं से मिले ऋण और चीन की सहायता के बावजूद भी पाकिस्तान में गंभीर आर्थिक संकट का दौर है। देश के आम नागरिकों के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा है।
Pakistan Economy की पोल खुल गई वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में
‘द इफेक्ट्स ऑफ टैक्सेस एंड ट्रांसफर्स ऑन इनइक्वालिटी एंड पोवर्टी इन पाकिस्तान’ शीर्षक वाली वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में गरीबी बढ़ने की सबसे बड़ी वजह जनरल सेल्स टैक्स (GST) है। पाकिस्तान में जीएसटी पेमेंट प्री-टैक्स एक्सपेंडिचर 7 फीसदी से भी ज्यादा है। यही वजह है कि निचले तबके के लोगों पर गरीबी की मार सबसे ज्यादा पड़ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में असमानता पर दूसरा सबसे बड़ा प्रभाव प्री-प्राइमरी और प्राइमरी एजुकेशन पर होने वाले खर्चे हैं। पाकिस्तान के मुख्य अंग्रेजी अखबार द डॉन में यह रिपोर्ट छपी है।
डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम को बताया अच्छा उपाय
इस रिपोर्ट में पाकिस्तान में सार्वजनिक स्वास्थ और शिक्षा की खराब हालत पर भी चिंता जताई गई है। गरीबी से निकलने के लिए रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि पाकिस्तान को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों पर अपना खर्च बढ़ाना चाहिए। इसके अलावा, रिपोर्ट में गरीब परिवारों को हर महीने मिलने वाली नकद सहायता स्कीम की भी तारीफ की गई है। सबसे गरीब परिवारों को मासिक नकद सहायता देने वाला बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम (BISP) आय की असमानता को दूर करने में सबसे बड़ा फैक्टर बन रहा है।