नई दिल्ली : कर्नाटक कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने मेनिफेस्टो में ऐलान किया कि अगर उनकी सरकार आती है तो बजरंग दल को बैन किया जाएगा। अब इसे लेकर राजनीति गर्म हो चुकी है। एक तरफ भाजपा भी कांग्रेस के इस ऐलान का लगातार विरोध कर रही है, वहीं बजरंग दल ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है। दरअसल, कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात पर अब VHP ने 100 करोड़ का लीगल नोटिस भेज दिया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अथध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 100 करोड़ का ये नोटिस भेजा गया है। VHP ने खड़गे पर उनके संगठन के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है।
PFI से बजरंग दल की तुलना कांग्रेस को पड़ा महंगा!
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र के पेज नंबर 10 पर बजरंग दल को बैन करने की बात लिखी है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने बजरंग दल की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से की है। इसके बाद ही कर्नाटक चुनाव से पहले सियासी हलचल काफी तेज हो गई है।
कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल की एंट्री
कर्नाटक चुनाव में अब बजरंगबली की एंट्री हो चुकी है। एक तरफ कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर विवाद बढ़ गया। दूसरी तरफ पीएम मोदी ने अपनी रैली में कहा कि वोट करने से पहले बजरंग बली का नाम लेना और बटन दबा देना। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद विपक्ष हमलावर होती नजर आई। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि वोट डालते समय बजरंगबली का नारा लगाना, यह कौन सा सेक्युलरिज्म है? आज कांग्रेस के कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा की कांग्रेस सत्ता में आएगी तो वे और हनुमान मंदिर बनाएंगे। अगर मैं यहां कहूं कि 10 तारीख को वोट डालते समय ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाकर बटन दबाओ, तब मीडिया वाले कहेंगे की औवेसी उधर लेकर चला गया।”
कांग्रेस के बजरंग दल को बैन करने के ऐलान पर बरसे योगी और शाह
6 मई को गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कर्नाटक में जनसभा को संबोधित किया। गृहमंत्री शाह ने कहा, “कांग्रेसवालों ने बजरंगबली को बदनाम करने का काम किया है।” वहीं उत्तर प्रदेश के सीएम ने कहा, “हिंदू समाज ये बर्दाश्त नहीं कर सकता है। बजरंग दल को बैन करने का मतलब है कि हिन्दू आस्था के साथ खिलवाड़।”