सुप्रीम कोर्ट ने निजता को बुनियादी अधिकार घोषित किया था। स्कूलों में बच्चों की निगरानी के मामले में इस फैसले का इम्तहान होगा। वैसे सीसीटीवी कैमरों की वजह से स्कूलों में अपराध कम हुए हैं, ये साबित करने वाले साक्ष्य मौजूद नहीं हैं।
दिल्ली में ज्यादातर स्कूलों में फिलहाल सीसीटीवी कैमरा लगाए जा रहे हैं। सरकार का कहना है कि ऐसा छात्रों की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। लेकिन अभी तक वह इस बारे में आश्वस्त करने में विफल रही है कि क्या स्कूली बच्चों का फुटेज सुरक्षित रहेगें और क्या डाटा सुरक्षा कानूनों से उन्हें सुरक्षा मिल पाएगी? कुछ आपराधिक घटनाओं के बाद छात्रों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ने 2017 में स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का फैसला किया था। खबरों के मुताबिक अब सरकार ने प्रोजेक्ट का दायरा बढ़ा दिया है। जल्द ही सीसीटीवी की लाइव फीड एक पासवर्ड वाले पोर्टल के जरिए बच्चों के परिजनों को भी मुहैया कराई जाएगी। पिछले साल शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल के फाटकों और दूसरी संवेदनशील जगहों पर भी कैमरे लगाने के निर्देश जारी किए थे।
दिशानिर्देशों के मुताबिक जरूरत पडऩे पर 15 दिनों का फुटेज स्कूल और अधिकारियों को मुहैया कराया जाएगा। जाहिर है, सरकार इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (आईएफएफ) जैसे इंटरनेट स्वतंत्रता के क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों की आशंकाओं को दरकिनार कर दिया है। जबकि इन संगठनों को अंदेशा है कि सीसीटीवी कैमरे भला कम, नुकसान ज्यादा कर सकते हैं।
इस वर्ष जुलाई में आईएफएफ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें उसने आगाह किया था कि सरकारी स्कूलों में बच्चों के सीसीटीवी फुटेज को अनाधिकृत पहुंच हासिल करना संभव होगा। उसका नतीजा कल्पना से परे है और उससे होने वाले नुकसान की भरपाई भी संभव नहीं है। ऐसे संगठनों की यह बात तार्किक है: डेटा सुरक्षा कानून की ढाल के बिना ये कहना मुश्किल है कि बच्चों के सर्विलांस फुटेज का उपयोग होगा या दुरुपयोग। क्योंकि सुरक्षा के उपायों को लेकर सरकार ने समाज को आश्वस्त करने की जरूरत महसूस नहीं की है।
2017 में सुप्रीम कोर्ट ने निजता को संविधान प्रदत्त बुनियादी अधिकार घोषित किया था। साफ है कि स्कूलों में बच्चों की निगरानी के मामले में इस फैसले का इम्तहान होगा। वैसे विशेषज्ञों का दावा है कि सीसीटीवी कैमरों की वजह से स्कूलों में अपराध कम हुए हैं, ये साबित करने वाले डेटा और साक्ष्य मौजूद नहीं हैं।