देहरादून। उत्तराखंड में शुक्रवार को मतदान का महापर्व कई दिग्गज नेताओं के भाग्य का फैसला भी करने जा रहा है। केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में सम्मिलित केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं कार्यसमिति के सदस्य गणेश गोदियाल का भाग्य शुक्रवार को ईवीएम में बंद हो जाएगा। मतदाताओं ने इन दिग्गजों को लेकर क्या निर्णय सुनाया, इसकी जानकारी चार जून को चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ सामने आ सकेगी।
लोकसभा के चुनावी संग्राम में उत्तराखंड की पांच सीटों पर राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों की हार-जीत का निर्धारण शुक्रवार को हो जाएगा। प्रदेश के 83.37 लाख मतदाता मतदान कर राष्ट्रीय राजनीति में राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों का भविष्य तय करने में भूमिका निभाएंगे। प्रदेश की पांच लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। इस चुनाव में दोनों दलों ने प्रत्याशियों के चयन में जिन सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखा, वे लगभग समान ही रहे हैं। भाजपा ने पांच में से एक सीट महिला के खाते में रखी है। चुनाव में इस बार कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।
मोदी कैबिनेट का हिस्सा केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट नैनीताल-ऊधमसिंहनगर लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। अजय भट्ट प्रदेश में भाजपा के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। उनके सामने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी चुनाव मैदान में हैं। इस चुनाव में अजय भट्ट की साख भी दांव पर है।
गढ़वाल संसदीय सीट पर भाजपा ने इस बार नए चेहरे के रूप में पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी पर दांव आजमाया है। बलूनी के भाजपा के शीर्ष नेताओं से करीबी संबंध हैं। भाजपा और बलूनी, दोनों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। इस सीट पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य गणेश गोदियाल भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी को टक्कर दे रहे हैं। यह सीट कांग्रेस के लिए भी प्रतिष्ठा का सबब बन गई है। मतदाता जीत का सेहरा किस के सिर बांधते हैं, यह शुक्रवार को तय हो जाएगा।
हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हैं। सत्तारूढ़ दल ने इस सीट से सांसद पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के स्थान पर त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भरोसा किया है। यह चुनाव भाजपा और त्रिवेंद्र, दोनों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। त्रिवेंद्र के मुकाबले के लिए कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र सिंह रावत को आगे किया है। वीरेंद्र के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए भी यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय बन गया है।
वहीं अल्मोड़ा लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा चुनाव मैदान में हैं। उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा से चुनौती मिल रही है। दोनों नेताओं के लिए यह उनकी साख का चुनाव बन चुका है। टिहरी लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बाद भाजपा सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह को पार्टी ने चाैथी बार चुनाव मैदान में उतारा है। शाह के सामने इस सीट पर जीत का क्रम बरकरार रखने की चुनौती है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला को भाजपा को चुनौती देने के लिए मैदान में उतारा है।