नई दिल्ली। चंद्र ग्रहण एक बहुत ही खास खगोलीय घटना होती है, जो तब घटती है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक जाता है। आपको बता दें कि साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन लगा था और अब साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भी जल्द ही आने वाला है। हिंदू धर्म में ग्रहण का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण लगने पर सूतक काल भी लग जाता है जिसमें कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं साल का दूसरा चंद्र ग्रहण कब लगेगा, कैसा होगा, कहां-कहां दिखाई देगा और भारत में इसका सूतक काल मान्य होगा या नहीं।
कब लगेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण?
ज्योतिष के अनुसार, साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7-8 सितंबर की रात लगेगा। भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण रात 9 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। यह ग्रहण लगभग ढाई घंटे तक दिखाई देगा।
इस बार दिखेगा ब्लड मून
इस बार लगने वाला चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। बता दें कि जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है, तब वह लाल रंग का नजर आता है। इसी वजह से इसे ब्लड मून भी कहा जाता है। यह नजारा आकाश में बहुत ही आकर्षक और अनोखा दिखाई देता है।
पूर्णिमा पर लग रहा है ग्रहण
पंचांग के अनुसार, 7 सितंबर को भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। ऐसे में इस दिन चंद्र ग्रहण लगना धार्मिक दृष्टि से भी खास माना जा रहा है।
कहां-कहां नजर आएगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण?
यह चंद्र ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा। इनमें एशिया, यूरोप, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
क्या भारत से नजर आएगा चंद्र ग्रहण
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत से भी नजर आएगा। भारत के अलावा एशिया के अन्य देशों में भी यह ग्रहण दिखाई देगा।
क्या सूतक काल मान्य होगा?
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल मान्य होता है, जो कि ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले लग जाता है। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए भारत में सूतक काल भी मान्य होगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, भोजन नहीं बनाया जाता और पूजा-पाठ वर्जित होता है।