नई दिल्ली। हाल ही में कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था। पीएम मोदी हुबली में रोड शो कर रहे थे। इस के दौरान एक युवक पीएम मोदी का सुरक्षा घेरा तोड़कर गाड़ी के पास पहुंच गया था। इतना ही नहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (Draupadi Murmu) के राजस्थान (Rajasthan) दौरे के समय भी सुरक्षा में चूक हुई थी। पाली जिले के रोहट में चार जनवरी को हेलीपेड पर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा तोड़कर एक महिला ने राष्ट्रपति के पैर छुए थे। अब ऐसे में सवाल ये है कि इतनी भारी भरकरम सुरक्षा के बीच भी चूक कैसे हो जाती है।
किलेबंदी जैसी होती है सुरक्षा
बात इससे आगे की करें तो ये कहना गलत नहीं होगा कि हर देश अपने नेताओं की पुख्ता सुरक्षा के लिए तमाम तरह के इंतजाम करता है। नेताओं की सुरक्षा ऐसी होती है कि इंसान क्या परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। इसे इस तरह से भी कहा जा सकती है ये सुरक्षा पूरी तरह से किलेबंदी जैसी होती है। कई देश इस मामले में सबसे आगे हैं। इन देशों के सुप्रीम लीडर की सुरक्षा कई लेयर्स में होती है। सुरक्षा को लेकर एक पूरा मैक्निजम काम करता है। तो चलिए आपको अपनी इस रिपोर्ट में बताते हैं कि दुनिया के वो कौन से बड़े लीडर्स हैं जिनकी सुरक्षा में सेंध लगा पाना नामुमकिन है।
ऐसी होती है अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा
अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा का जिम्मा सीक्रेट सर्विस एजेंट्स के हाथों में होती है। इस दस्ते में तैनात जवान जमीन, आसमान और समंदर से हमेशा राष्ट्रपति पर कड़ी नजर रखते हैं। सुरक्षाकर्मी एक नेटवर्क के जरिए हमेशा सिक्योरिटी कंट्रोल रूम से संपर्क में रहते हैं। इनके पास राष्ट्रपति के खिलाफ किसी भी तरह के रासायनिक, जैविक या फिर परमाणु हमले से निपटने के इंतजाम भी हर वक्त मौजूद रहते हैं। एयरफोर्स वन अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान का नाम है। आसमान में उड़ान भरते वक्त कोई रडार इसको लोकेट नहीं कर सकता है। फिर भी एयर फोर्स वन की पोजीशन कोई जान भी ले तो इसे निशाना बना पाना मुमकिन नहीं है। एयर फोर्स वन के साथ अमेरिकी एयर फोर्स के फाइटर प्लेन भी उड़ान भरते हैं।
रूस के राष्ट्रपति का सुरक्षा घेरा
रूस के राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे जवानों की एक पूरी टीम होती है। इसे फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस कहते हैं। इसमें हजारों की संख्या में कमांडो होते हैं। इन हजारों जवानों में से भी खास जवानों को पुतिन की क्रीम लेयर में तैनात किया जाता है। ये जवान लगभग हर तरह का हथियार चलाने में माहिर होते हैं। पुतिन के निवास यानी क्रेमलिन की सेफ्टी भी कहीं कम नहीं है। यहां सीसीटीवी और सैनिकों के अलावा बाज और उल्लू जैसे पक्षी सुरक्षा करते हैं। ये पक्षी फेडरल गार्ड सर्विस का हिस्सा हैं। इसमें ऐसे शिकारी पक्षी रखे जाते हैं जिनकी अलग-अलग खासियत होती है।
पीएम मोदी की सुरक्षा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा का जिम्मा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप का होता है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात कमांडो एसपीजी भारत की सबसे खास और स्पेशल फोर्स है। इस फोर्स में शामिल होने वाले जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। एपीजी में शामिल होने वाले जवान पहले से ही स्पेशल फोर्स में काम कर चुके होते हैं। इसके बाद भी इन्हें वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। एसपीजी कमांडो को फिट, चौकस और टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बनाया जाता है। पीएम की जिम्मेदारी होने के नाते एसपीजी का एक-एक कमांडो वन मैन आर्मी होता है।
सऊदी प्रिंस के पास है टाइगर स्क्वाड
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की पहचान अरब के सबसे ताकतवर नेताओं में होती है। सलमान की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनकी सुरक्षा कई लेयर्स में होती है और समय-समय पर इसमें बदलाव होता रहता है। इसमें टाइगर स्क्वाड से भी कई गार्ड्स प्रिंस की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। ये वही स्क्वाड है, जो हवा-पानी और जमीन तीनों ही जगहों पर खुफिया हमले करके तबाही मचाने की ताकत रखता है। इन्हें हर तरह के हथियार चलाने में महारथ हासिल होती है।
पुख्ता है चीन के राष्ट्रपति की सुरक्षा
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का सुरक्षा घेरा भी बेहद मजबूत माना जाता है। चिनफिंग की सुरक्षा सेंट्रल गार्ड्स ब्यूरो के कमांडो करते हैं। ये कमांडो हर समय अपने नेता को घेरे रखते हैं। इनमें कुछ पैदल, कुछ मोटरबाइक तो कुछ कार में होते हैं। एरियल प्रोटेक्टशन के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन होते हैं। हालांकि, शी चिनफिंग के सुरक्षा घेरे में कितने जवान तैनात होते हैं और किस खास रणनीति के जरिए उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाती है इस बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है।
किम जोंग उन की पुख्ता सुरक्षा
नॉर्थ कोरिया के सैन्य शासक किम जोंग उन की सुरक्षा भी बेहद पुख्ता होती है। किम की कार के पीछे दौड़ते सिक्योरिटी गार्ड्स की तस्वीरें कई बार सामने आ चुकी है। कोरियन आर्मी के ये जवान उन परिवारों से होते हैं, जिनकी पुरानी पीढ़ियां भी जोंग परिवार के लिए अपनी वफादारी साबित कर चुकी हों। इन्हें हर तरह के हथियार चलाने की ट्रेनिंग मिलती है। किम के चारों ओर सुरक्षा की तीन लेयर्स होती हैं जिसे भेद पाना लगभग नामुमकिन है।