देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसले के तहत राज्य के 451 पंजीकृत मदरसों के पाठ्यक्रम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को शामिल करने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य मदरसा छात्रों में देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता और भारतीय सेना के पराक्रम के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ावा देना है। यह निर्णय उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी के नेतृत्व में लिया गया, जिन्होंने हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शिक्षाविदों के साथ मुलाकात की थी।
पाठ्यक्रम में शामिल होगा एक विशेष अध्याय
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को इंटरमीडिएट स्तर तक के पाठ्यक्रम में एक विशेष चैप्टर के रूप में शामिल किया जाएगा। इस चैप्टर में भारतीय सेना के शौर्य, रणनीतिक कौशल और इस सैन्य अभियान के ऐतिहासिक महत्व को विस्तार से बताया जाएगा। उत्तराखंड में लगभग 50,000 छात्र इन 451 मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ते हैं। इन सभी छात्रों को ऑपरेशन सिंदूर की कहानी और इसके पीछे की आवश्यकता के बारे में पढ़ाया जाएगा। मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि “जल्द ही एक विशेष पाठ्यक्रम समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें शिक्षाविद, सैन्य इतिहासकार और मदरसा शिक्षा विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह समिति तय करेगी कि यह विषय किन कक्षाओं में और किस तरह पढ़ाया जाएगा।”
मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास में उत्तराखंड सरकार पहले से ही मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू कर चुकी है और उन्हें आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए काम कर रही है। यह कदम उसी दिशा में एक और प्रयास है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना द्वारा 7 मई 2025 को शुरू किया गया एक सैन्य अभियान था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। यह अभियान भारतीय सेना के साहस, रणनीतिक कौशल और आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख का प्रतीक माना जा रहा है।
मुफ्ती शमून कासमी ने पाकिस्तान के इस हमले को कुरान की शिक्षाओं के खिलाफ बताते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेना ने आतंकवाद को करारा जवाब दिया। उन्होंने इसे केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि न्याय का प्रतीक बताया।
फैसले का उद्देश्य
देशभक्ति को बढ़ावा मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि इस पहल से मदरसा छात्रों में देशभक्ति की भावना और मजबूत होगी। यह उन्हें सेना के बलिदान और राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व से अवगत कराएगा। उत्तराखंड सरकार और मदरसा बोर्ड का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर की कहानी न केवल सैन्य इतिहास का हिस्सा है, बल्कि यह युवाओं को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और देश की संप्रभुता के लिए प्रेरित करेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “उत्तराखंड वीरों की भूमि है, जहां से हजारों जवान देश की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। यह कदम युवाओं को सेना के पराक्रम से जोड़ेगा।”
रक्षा मंत्री का समर्थन
राजनाथ सिंह ने इस फैसले को सराहनीय बताया और इसे राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाने वाला कदम माना।वहीं बिहार के नेताओं, जैसे जेडीयू के नीरज कुमार और मंत्री नीरज कुमार बबलू ने इस कदम की सराहना की और बिहार के स्कूलों, मदरसों और संस्कृत विद्यालयों में भी ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऑपरेशन का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, विदेश मंत्रालय ने राहुल गांधी के उस दावे को खारिज किया कि ऑपरेशन से पहले पाकिस्तान को सूचना दी गई थी, इसे तथ्यों का दुरुपयोग बताया।”
अपमानजनक टिप्पणी के लिए नोटिस
हरियाणा महिला आयोग ने अशोक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को ऑपरेशन सिंदूर पर महिला सैन्य अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए नोटिस जारी किया। आयोग ने इसे राष्ट्रीय एकता और सैन्य सम्मान के खिलाफ माना। विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया कि यह प्रोफेसर की निजी राय थी, न कि संस्थान की।
राजस्थान ने भी अपने स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करने का फैसला लिया है, और विशेषज्ञों का मानना है कि एनसीईआरटी सहित अन्य राज्य भी इसे अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर सकते हैं।
मुख्यधारा से जोड़ने और छात्रों में देशभक्ति
उत्तराखंड सरकार का यह फैसला मदरसा शिक्षा को राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़ने और छात्रों में देशभक्ति की भावना को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करने से न केवल सैन्य इतिहास को युवा पीढ़ी तक पहुंचाया जाएगा, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को भी रेखांकित करेगा। यह पहल उत्तराखंड को पहला ऐसा राज्य बनाएगी, जहां मदरसों में इस तरह का सैन्य अभियान पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा।