हिंदू धर्म में कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाने वाला धनतेरस पर्व धन-धान्य और आरोग्य की कामना को पूरा करने वाला माना गया है. धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर भगवान, माता लक्ष्मी और भगवान धन्वतरि की पूजा का बहुत महत्व है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. यह पावन पर्व नई चीजों की खरीददारी के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है. यही कारण है कि सोना-चांदी, गहनें, बर्तन और नया वाहन आदि खरीदने के लिए पूरे साल इस पावन पर्व का इंतजार करते हैं. आइए धनतेरस की पूजा से जुड़े उन उपायों के बारे में जानते हैं, जिसे करते ही घर के धन का भंडार भर जाता है.
- धनतेरस के दिन धन्य-धान्य की कामना करने वालों को भगवान श्री गणेश, मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि, भगवान कुबेर और मृत्यु के देवता यमराज की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि धनतेरस पर यम देवता की विशेष पूजा करने पर अकाल मृत्यु का भय दूर होता है.
- दीपों के पंच महापर्व की शुरुआत करने वाले धनतेरस पर दीपदान का बहुत महत्व है. मान्यता है कि धनतेरस पर दीपक जलाने से व्यक्ति के जीवन से जुड़े सभी दोष दूर होते हैं. धनतेरस पर कामनाओं को पूरा करने और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए घर में 13 दीपक जलाने की परंपरा है.
- धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर भगवान की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व है. धनतेरस के दिन धन की कमी को दूर करने और धन का भंडार भरने के लिए कुबेर यंत्र की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि धनतेरस पर कुबेर देवता की पूजा से पैसों की किल्लत दूर और दरिद्रता का नाश होता है. दिवाली पर विधि-विधान से पूजे गये कुबेर यंत्र को अपने घर के पूजा स्थल पर रखकर प्रतिदिन पूजा करना चाहिए.
- धनतेरस पर मां लक्ष्मी के साथ दक्षिणावर्ती शंख की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस शंख को मां लक्ष्मी का ही एक स्वरूप माना गया है. मान्यता है कि दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती.