लखनऊ. उत्तर प्रदेश की सियासत में आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनद और युवा दलित नेता के तौर पर उभरे नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद की मुश्किलें बढ़ सकती है. यूपी की सियासत में अब चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी भी पूरी धमक के साथ एंट्री करने की तैयारी कर रही है. लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में प्रभारी नियुक्त किए हैं, जो यूपी में पार्टी के लिए जमीन को मजबूत करने पर काम करेंगे.
चिराग पासवान ने लोजपा सांसद अरुण भारती को झारखंड और उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया है. उनके साथ ही सांसद शांभवी चौधरी को उत्तर प्रदेश का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है. लोजपा की नजर अब उत्तर प्रदेश पर भी टिक गई है. चिराग पासवान पार्टी को बिहार को छोड़कर अन्य राज्यों में भी विस्तार देना चाहते हैं. अरुण भारती को यूपी का प्रभारी बनाए जाने को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.
सांसद शांभवी चौधरी को उत्तर प्रदेश का सह प्रभारी नियुक्त किया गया
लोक जनशक्ति पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इसकी जानकारी दी. जिसमें लिखा, “पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री आदरणीय श्री चिराग़ पासवान के निर्देशानुसार जमुई लोकसभा क्षेत्र से माननीय सांसद श्री अरुण भारती को झारखंड एवं उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया है. खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से माननीय सांसद श्री राजेश वर्मा एवं राष्ट्रीय सचिव श्री अरविंद सिंह जी को झारखंड का सह प्रभारी एवं समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से माननीय सांसद शांभवी चौधरी को उत्तर प्रदेश का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है.
अखिलेश समेत इन दलों को लग सकता है झटका
लोकजनशक्ति पार्टी के यूपी के मैदान में कूदने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पीडीए को झटका लग सकता है. क्योंकि अखिलेश के पीडीए में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक आते हैं. चिराग पासवान भी पिछड़ों, दलितों की राजनीति करते हैं. इसी तरह लोजपा आकाश आनद, चंद्रशेखर आजाद, ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और संजय निषाद की निषाद पार्टी के लिए खतरा बन सकते हैं. लोकजनशक्ति पार्टी के यूपी की सियासत में कदम रखने से पिछड़ों और दलितों की राजनीति करने वाले सभी दलों को नुकसान होगा. लोजपा अगर यूपी में अपनी सियासी फसल उगाने के लिए काम करती है तो इससे इन दलों को नुक़सान होना तय है.