अल्मोड़ा l कोरोना की पहली लहर के बाद किसी तरह संभले पर्यटन कारोबार को अब कोरोना की दूसरी लहर ने पूरी तरह से पटरी से उतार दिया है। हमेशा इस सीजन में पीक पर चलने वाला पर्यटन कारोबार पूरी तरह चौपट हो चुका है। हालात ये है कि पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। और इससे जुड़े कारोबारी सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं।
कोरोना के कारण कारोबार ठप्प
अल्मोड़ा में सैकड़ों की संख्या में होटल रेस्टोरेंट और होमस्टे हैं। इस पर्यटन सीजन में ये सब पर्यटकों से खचाखच भरे रहते थे। लेकिन पिछले दो सालों से कोरोना संक्रमण के कारण यहां खामोशी पसरी हुई है। पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों का कारोबार पूरी तरह चौपट हो चुका है।
पर्यटन व्यवसायियों में मायूसी
पर्यटक नहीं होने से होटल रेस्टोरेंट में काम करने वाले कर्मचारियों की छंटनी की जा चुकी है। जिससे पर्यटन व्यवसायियों में मायूसी छाई हुई है। कई लोगों ने बैंक से लोन लेकर ये कारोबार शुरू किया था, लेकिन अब उनको लोन की किश्त देनी भारी पड़ रही है।
‘बिजली-पानी के बिल हो माफ’
वहीं उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष दीपेश जोशी ने बताया कि अलमोड़ा में लोगों ने होटल और होम स्टे बैंक से लोन लेकर बनाये हैं। पिछले साल से लगातार कोरोना के कारण इनका संचालन बंद पड़ा है। बैंक की देनदारी के कारण की होटल मालिक होटल बेचने के कगार पर आ गए हैं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि GST, बिजली-पानी के बिलों को सरकार को माफ करना चाहिये।
‘बहुत जल्द सामान्य होगी स्थिति’
जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे का कहना है कि जनपद में 192 होम स्टे और 200 से ज्यादा होटल रिसॉर्ट हैं। लेकिन कोरोना के चलते यहां पर्यटन गतिविधियां बिल्कुल कम हो चुकी हैं। उन्होने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। और कोरोना के खत्म होने के बाद ये स्थिती बहुत जल्द सामान्य हो जाएगी।
खबर इनपुट एजेंसी से