नई दिल्ली। मेटा के पॉपुलर प्लेटफॉर्म फेसबुक का इस्तेमाल करोड़ों यूजर्स द्वारा किया जाता है। ऐसे में हैकर्स के निशाने पर हमेशा ऐसे ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रहते हैं, जहां यूजर्स की संख्या ज्यादा हो। हैकर्स अलग-अलग तरीकों से यूजर्स को फंसाने की कोशिशें करते हैं।
हाल ही में फेसबुक से जुड़ा एक नया मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि फेसबुक पर वेरिफाइड अकाउंट्स के जरिए यूजर्स को मालवेयर वाले लिंक्स पर क्लिक करने के लिए लुभाया जा रहा है।
गूगल एआई जैसे अकाउंट नाम की हुई पहचान
फेसबुक पर ऐसे बहुत से वेरिफाइड पेज की पहचान की गई है जो प्लेटफॉर्म पर अप्रूव किए गए ऐड्स के जरिए मालवेयर से जुडे़ लिंक्स पेश कर रहे थे। एक सोशल मीडिया कंसल्टेंट Matt Navarra ने इस तरह के ऐड्स की पहचान कर, उन्हें ट्विटर पर साझा किया है।
हालांकि, ऐसे ही दूसरे मामले भी सामने आए हैं। इसी कड़ी में एक दूसरे मामले में फेसबुक पर ‘Google AI’ का वेरिफाइड पेज सामने आया है। इस पेज पर फेसबुक यूजर्स को गूगल के नए एआई चैटबॉट बार्ड को डाउनलोड करने के लिंक्स साझा किए जा रहे थे।
हैकर्स कर रहे वेरिफाइड अकाउंट को ऑपरेट
फेसबुक पर हैकर्स वेरिफाइड अकाउंट को अपने निशाने पर ले रहे हैं। मिलियन फॉलोवर्स वाले पुराने वेरिफाइड अकाउंटस को हैकर्स द्वारा ऑपरेट किया जा रहा है। यूजर्स को फंसाने के लिए ‘Meta Ads’ और ‘Meta Ads Manager’ जैसे ऑफिशियल लगने वाले पेज भी सामने आए हैं।
क्या कह रही कंपनी
इस मामले पर मेटा के एक स्पोकपर्सन का कहना है कि कंपनी स्कैम और हैकर्स को रोकने लिए अपने लगातार प्रयासों में है। इसके लिए कंपनी कई सोर्स पर पैसा भी खर्च कर रही है। कंपनी का कहना है कि तमाम कोशिशों के बावजूद भी बहुत हद तक हैकर्स का पता लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि हैकर्स यूजर्स को पहले लुभाते है और उनका भरोसा जीत लेते हैं। यूजर्स का भरोसा जीत लेने के बाद वे अपना काम करना शुरू करते हैं। ऐसे में यूजर्स को भी फेक फेसबुक ऐड्स से बचने के लिए अगाह किया जाता है।