नई दिल्ली: जिस रफ्तार के साथ भारत आगे बढ़ रहा है. उसकी कायल पूरी दुनिया हो रही है. हाल ही में फिच की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें उसने भारत की ग्रोथ को बढ़ाया था. अब मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में भारत की ग्रोथ पर विश्वास जताया है. साथ ही मूडीज का मानना है कि देश देश में मजबूत घरेलू मांग की वजह से निकट भविष्य में वृद्धि की रफ्तार कायम रहेगी. दूसरी ओर चीन की हालत काफी खराब है. फिच ने हाल ही में चीन की ग्रोथ को अपने पुराने अनुमान से कम किया है. देश का रियल सेक्टर डूब चुका है. मैन्युफैक्चरिंग चौपट है. बेरोजगारी अपनी चरम पर है. इसका मतलब है कि चीन हर मोर्चे पर पूरी तरह से घायल हो चुका है.
कितनी हो सकती है ग्रोथ
मूडीज ने अपनी इकोनॉमिक रिपोर्ट में कहा कि घरेलू मांग में लगातार बढ़ोतरी की वजह से भारत की इकोनॉमी लगातार आगे बढ़ रही है. मूडीज ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत की रियल जीडीपी की ग्रोथ रेट 2023 में करीब 6.7 फीसदी, 2024 में 6.1 फीसदी और 2025 में 6.3 फीसदी बढ़ेगी. भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ जून तिमाही में 7.8 फीसदी रही है, जो मार्च तिमाही में 6.1 फीसदी देखने को मिली थी. भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ में तेजी की बड़ी वजह डॉमेस्टिक कंजंप्शन व मजबूत कैपेक्स और सर्विस सेक्टर में तेजी है.
एग्री इनकम हो सकती है कम
मूडीज ने कहा कि जीएसटी कलेक्शन, व्हीकल की डिमांड में इजाफा, कंज्यूमर्स का बढ़ता भरोसा और लोन में तेजी से पता चलता है कि मौजूदा त्योहारी सीजन के बीच शहरी उपभोग मांग जुझारू बनी रहेगी. हालांकि, ग्रामीण मांग जिसमें सुधार के शुरुआती संकेत दिखने को मिल रहे हैं वह असमान मानसून के कारण चिंता का विषय बनी हुई है. इससे फसल की पैदावार और एग्री इनकम हो सकता है. मूडीज ने कहा कि हालांकि कोर इंफ्लेशन भी अगस्त में 4.8 फीसदी से कम होकर 4.5 फीसदी हो गई, लेकिन असमान मौसम व भूराजनीतिक अनिश्चितता के बीच खाद्य व ऊर्जा की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी से सीपीआई बेस्ड महंगाई के ऊपर की ओर जाने के जोखिम को लेकर रिजर्व बैंक सतर्क रुख अपनाएगा.