नई दिल्ली: शनिवार को जब इजराइल पर किए गये हमास के हमले की पहली बार खबर आई, तो हर किसी ने यही सोचा, कि ये आम झड़प है, जो हमास और इजराइल के बीच हर दूसरे दिन होती रहती है, लिहाजा ये खबर सिर्फ ब्रेकिंग न्यूज भर लगी। लेकिन, आधे घंटे के अंदर पता चल गया, कि ये कोई सामान्य हमला नहीं है, बल्कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब हजार से ज्यादा हमास के आतंकवादी ना सिर्फ इजराइल में घुस आए, बल्कि कत्लेआम मचा दिया।
इजराइल पर किए गये इस हमले में सबसे बड़ी बात ये रही, कि दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी माने जाने वाली मोसाद, इस बार पूरी तरह से फेल नजर आई और ये हमला इतनी तेजी के साथ किया गया था, कि इजराइली सेना को रिस्पांस देने में कम से कम 3 घंटों का वक्त लग गया, जिसकी वजह से ही इजराइल में हमास के आतंकयों ने जमकर तबाही मचा दी।
दुनिया का नया ओसामा बिन लादेन!
इज़राइल पर हमास के इस हमले के पीछे एक रहस्यमय व्यक्ति मोहम्मद दीफ का हाथ है, जिसे अब दुनिया का नया ओसामा बिन लादेन कहा जा रहा है। मोहम्मद दीफ ने ही इजराइल पर होने वाले इस हमले की स्क्रिप्ट लिखी थी और वो फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास का एक कमांडर है, जिसकी सात बार हत्या करने की कोशिश की गई, लेकिन वो हर बार बच निकला।
आतंकी संगठनों के साथ साथ कई आतंकी संगठनों को पालने पोसने वाले पाकिस्तान में भी मोहम्मद दीफ को नया ओसामा कहकर, पाकिस्तानी समाज इज्जत के साथ उसका नाम ले रही है। (नोट- पाकिस्तान में आतंकियों को समाज में काफी इज्जत मिलती है, चंद लोग ही खिलाफ होते हैं)
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहम्मद डेफ़ ने दशकों से इज़राइल के मोस्ट वांटेड आदमी का खिताब अपने पास रखा है, लेकिन इजराइली हमलों में वो अपने दोनों हाथ, दोनों पैर और एक आंख गंवा चुका है, जिससे वह स्थायी रूप से व्हीलचेयर पर निर्भर हो गया है।
इजराइल की पकड़ से बचने के लिए वो गाजा पट्टी के जटिल भूमिगत सुरंग नेटवर्क में शरण लेता है। जियो न्यूज के मुताबिक, इजराइली हमले से बचने के लिए वो लगातार अपना ठिकाना बदलता रहता है। वो हर रात अलग अलग जगहों पर होता है, ताकि उसकी जानकारी किसी भी हाल में लीक ना हो पाए। और यही वजह से है, कि इंटरनेट पर उसकी सिर्फ एक पुरानी तस्वीर है। वो अब कैसा दिखता है, इसकी जानकारी पाकिस्तानी मीडिया को भी नहीं है।
कौन है मोहम्मद डेफ़?
मोहम्मद डेफ़ का जन्म एक शरणार्थी शिविर में हुआ था और बाद में उसने अपना नाम मोहम्मद दीब इब्राहिम अल-मसरी से बदलकर मोहम्मद देफ रख लिया था, जिसका अरबी में अर्थ “अतिथि” होता है, जो उसके लगातार बदलते ठिकाने वाली पहचान को दिखाता है।
1965 में जन्मा मोहम्मद डेफ़ हमास की सैन्य शाखा, अल-क़सम ब्रिगेड के कमांडर के रूप में काम करता है और उसका मुख्य काम रणनीति बनाना है। हाल के हमले के दौरान, उसने एक रिकॉर्डिंग जारी की है, जब उसके ट्रेन किए गये आतंकी, महिलाओं और बच्चों को नुकसान पहुंचाने या अपहरण करने के इरादे से इजराइल में घुसपैठ कर रहे थे।
मोहम्मद डेफ़ ने अपने संदेश में फिलिस्तीनियों से इजराइल को हमेशा के लिए सबक सिखाने और इजराइल को खत्म करने का संदेश जारी किया था। इसके अलावा, उसने दुनियाभर के मुस्लिमों से एक साथ इजराइल के खिलाफ खड़ा होने का आह्वान भी किया था।