भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीनों में रेपो रेट में बार-बार बढ़ोतरी की है. इसके बाद बैंकों ने भी पिछले कुछ महीनों में फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों को बढ़ाया है. किसी बड़े सरकारी या निजी क्षेत्र के बैंक में दो साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर अब 6.75 फीसदी से 7 फीसदी के बीच की दर से ब्याज मिलता है. अगर आप एक वरिष्ठ नागरिक हैं, तो आप किसी स्मॉल फाइनेंस बैंक में सही एफडी चुनकर 9 फीसदी से ज्यादा ब्याज कमा सकते हैं.
करीब आठ महीने पहले, निवेशकों को एफडी पर पिछले दो दशकों का सबसे कम ब्याज मिल रहा था. ऐसे में कई मौजूदा निवेशक, एफडी की राशि को विद्ड्रॉ करके अब ज्यादा ब्याज दर वाले बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट खोलना चाहते हैं. तो, क्या आपको अपनी सभी पुरानी एफडी को तोड़कर ज्यादा ब्याज दर वाली नई एफडी खोल लेनी चाहिए. आइए इस बारे में बताते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
एक एफडी को तोड़ते समय आपको तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए. पहला, आपकी फिक्स्ड डिपॉजिट की मैच्योरिटी कब है. दूसरा, एफडी को तोड़ने की कीमत क्या है. यानी बैंक घटी अवधि पर क्या ब्याज दर पेश कर रहा है और आपको कितनी प्रीमैच्योर पेनल्टी चुकानी होगी. तीसरा, नई एफडी पर आपको कितना अतिरिक्त ब्याज मिल रहा है.
अगर फिक्स्ड डिपॉजिट मैच्योरिटी के करीब है, तो प्रीमैच्योर विद्ड्रॉल को चुनने से पहले सोच लेना चाहिए. टेन्योर को घटाने पर आपको कम ब्याज दर मिलेगी. इसके अलावा आपको प्रीमैच्योर पेनल्टी का भुगतान करना होगा. तो, अगर कोई फिक्स्ड डिपॉजिट अगले छह महीने से एक साल की अवधि में मैच्योर हो रही है, तो उसके साथ छेड़छाड़ करने से बचें.
पुरानी फिक्स्ड डिपॉजिट बंद करने पर कितना नुकसान होगा?
इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप मैच्योरिटी से पहले अपनी एफडी तोड़ते हैं, तो बैंक आम तौर पर जुर्माना लगाते हैं. यह जुर्माना घटी हुई ब्याज दर के तौर पर होता है. यह अलग-अलग बैंकों में अलग हो सकता है. बैंकों में यह 0.5 फीसदी से 1 फीसदी के बीच रह सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आप मौजूदा एफडी पर तोड़कर ज्यादा ब्याज दर पर उसे रिन्यू करने का फैसला लेते हैं, तो आपको इस पर लगने वाली पेनल्टी को ध्यान में रखना चाहिए. आपको देख लेना चाहिए कि अतिरिक्त रिटर्न और पेनल्टी दोनों को जोड़ लेने के बाद, आपको फायदे और नुकसान में से क्या हो रहा है.
उदाहरण के लिए, आपने जून 2022 में पांच साल वाली एफडी में एक लाख रुपये का निवेश किया था. अब मान लीजिए कि छह महीने बाद, आप इसे 4.5 फीसदी की ब्याज दर पर तोड़ रहे हैं. इसके अलावा कुछ बैंक एफडी को मैच्योरिटी से पहले बंद कराने के लिए 0.5 फीसदी की पेनल्टी लेंगे. तो, आपको एक लाख रुपये पर 4 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. इस निवेश से, आपको 2,010 रुपये का रिटर्न मिलेगा.