नई दिल्ली: लगभग दो महीने चले लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों का काउंड डाउन शुरू हो चुका है. 4 जून को दोपहर तक भारत की राजनीतिक तस्वीर साफ हो जाएगी कि प्रधानमंत्री की गद्दी पर कौन विराजेगा. हालांकि, एग्जिट पोल ने फिर से बीजेपी के सत्ता में लौटने की बात कही है. लेकिन मतदाता के मन की बात भला कौन जाने. लेकिन निश्चित ही इसबार के चुनाव परिणाम बिल्कुल चौंकाने वाले होंगे. इन चुनावों के बाद छह महीने के भीतर बहुत-सी जगहों पर उपचुनाव होंगे. क्योंकि कई स्थानों पर विधायकों ने लोकसभा का चुनाव लड़ा है. अगर ये विधायक सांसद चुने जाते हैं तो उनकी विधानसभा सीट पर फिर से चुनाव कराए जाएंगे
लेकिन देश में एक लोकसभा सीट ऐसी है जहां अगर भारतीय जनता पार्टी जीतती है तो उस सीट पर फिर से उपचुनाव कराया जाएगा. यह सुनने में भले ही अटपटा लगे, लेकिन है एकदम सच.
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद सीट की. मुरादाबाद को पीतल नगरी भी कहते हैं. यहां लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था. मुरादाबाद सीट पर बीजेपी ने कुंवर सर्वेश कुमार सिंह को टिकट दिया था. समाजवादी पार्टी ने उनके खिलाफ रुचि वीरा और बहुजन समाज पार्टी ने इरफान सैफी को मैदान में उतारा था. मुरादाबाद लोकसभा सीट पर 62.18 प्रतिशत मतदान हुआ था. अब माजरा यह है कि अगर यहां से कुंवर सर्वेश कुमार सिंह चुनाव जीतते हैं तो इस सीट पर फिर से चुनाव कराया जाएगा. बीजेपी को छोड़कर किसी और दल का प्रत्याशी चुनाव जीतता है तो फिर ऐसा नहीं होगा.
उसकी वजह यह है कि 19 अप्रैल को मतदान के ठीक एक दिन बाद, 20 अप्रैल ही बीजेपी प्रत्याशी सर्वेश कुमार सिंह की मृत्यु हो गई. 71 वर्षीय सर्वेश कुमार सिंह कैंसर से पीड़ित थे. उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली.
हालांकि, यही बात राहुल गांधी की वायनाड और रायबरेली सीट पर भी फिट बैठती है. अगर इन दोनों सीटों पर राहुल गांधी की जीत होती है, तो उन्हें एक सीट छोड़नी पड़ेगी और जिस भी सीट को राहुल गांधी छोड़ते हैं, उस पर छह महीने के भीतर फिर से चुनाव कराने होंगे.
सर्वेश कुमार सिंह का राजनीतिक सफर
सर्वेश कुमार सिंह के राजनीति सफर की बात करें तो पहली बार वे 1991 में बीजेपी के टिकट पर उत्तर प्रदेश की ठाकुरद्वारा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. इसके बाद 1993, 1996 और 2002 में लगातार विधायक पद पर विजयी हुए. सर्वेश कुमार सिंह के बेटे सुशांत सिंह बिजनौर की बढ़ापुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक हैं.
कुंवर सर्वेश कुमार सिंह ने 4 बार मुरादाबाद लोकसभा सीट से कमल के चुनाव चिह्न चुनाव लड़ा. 2009 में उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी और क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन से हुआ. उस चुनाव में कांग्रेस को जीत हासिल हुई. 2009 के चुनाव में 54.80 फीसदी मतदान हुआ था. अजहरुद्दीन को 39.59 फीसदी 3,01,283 वोट मिले थे. बीएसपी तीसरे और समाजवादी पार्टी चौथे स्थान पर रही थी.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर कुंवर सर्वेश सिंह को मैदान में उतारा. इस बार उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के एसटी हसन से था. इस चुनाव में 63.66 फीसदी वोटिंग हुई और सर्वेश सिंह 43.01 फीसदी वोट (485,224) लेकर विजयी हुए. कांग्रेस की बेगम नूर बानो महज 19,731 वोट लेकर 5वें स्थान पर रहीं.
2019 के लोकसभा चुनाव में सर्वेश कुमार सिंह को समाजवादी पार्टी के एसटी हसन के हाथों परास्त होना पड़ा था. मुरादाबाद सीट पर 65.46 फीसदी मतदान के साथ 12,82,265 वोट पड़े थे. समाजवादी पार्टी के एसटी हसन ने 98,122 के अंतर से जीत हासिल की थी. उन्हें 50.56 फीसदी यानी 6,49,538 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर रहे बीजेपी के कुंवर सर्वेश के पक्ष में 5,51,416 वोट पड़े.
मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र की विधानसभा सीटों की बात करें तो यहां कांठ, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद ग्रामीण, मुरादाबाद नगर और बढ़ापुर 5 सीटें हैं. इनमें से बढ़ापुर और मुरादाबाद नगर में बीजेपी तथा अन्य तीन पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है.