नई दिल्ली l पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर संसद में हंगामे का दौर जारी है. इस बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को गतिरोध के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. आपको बता दें कि संसद का मानसून सत्र चल रहा है. इस दौरान पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर हंगामे की स्थिति बनी हुई है.
वहीं, पेगासस जासूसी के आरोपों, कृषि कानूनों और ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच संसद के उच्च सदन ने गुरुवार को तीन विधेयक पारित किए. वहीं, खड़गे की दफ्तर पर कल यानी शुक्रवार को विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई गई है. बताया जा रहा है कि बैठक में विपक्षी दल संसद में सरकार को घेरने की रणनीति पर बनाएंगे. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि इस बैठक में कौन-कौन शामिल होगा.
नेता विपक्षी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बताया जा रहा है कि राजनाथ सिंह गतिरोध खत्म करने के प्रयास में जुटे हैं, लेकिन विपक्ष मानने को तैयार नहीं हैं. मीडिया में भी इस तरह की खबरे चल रही हैं और मेरा नाम लिया जा रहा है. इसलिए मैं यहां बताना जरूरी समझता हूं कि जब राजनाथ सिंह ने मुझे कॉल किया, उन्होंने मुझसे कहा था कि जब मैं किर्गिस्तान से लौट आऊंगा, हम इसे (गतिरोध) सुलझाने का प्रयास करेंगे. तब से अब तक कई दिन हो गए लेकिन कुछ नहीं हुआ.
खड़गे के आरोप के जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने कोई आश्वासन नहीं दिया था और केवल इतना कहा था कि सदन में उचित चर्चा होनी चाहिए और हंगामा बंद हो जाना चाहिए. खड़गे ने सरकार पर पेगासस और विपक्ष द्वारा उठाए गए अन्य मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देने का आरोप लगाया. उन्होंने सरकार पर मीडिया में यह धारणा बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया कि विपक्ष संसद को नहीं चलने दे रहा है.
खड़गे ने यह मुद्दा तब उठाया, जब आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 पर चर्चा हो रही थी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका जवाब दिया. केंद्र ने गुरुवार को सात विधेयकों को राज्यसभा में विचार और पारित करने के लिए रखा था. दोपहर तक संक्षिप्त स्थगन के साथ दो विधेयक पारित किए गए. अपराह्न् 3 बजे तक अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 विधेयक अरुणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में पारित किया गया, जबकि दूसरा विधेयक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक, 2021 पारित किया गया.
खबर इनपुट एजेंसी से