देहरादून: प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही खाद्य विभाग की ‘अपात्र को ना और पात्र को हां’ योजना को लेकर सत्र के पहले दिन सदन में काफी हंगामा हुआ। विपक्ष ने इस योजना के मानकों पर भ्रम की स्थिति होने की बात कहते हुए राशन कार्ड निरस्त करने से पहले आर्थिक सर्वेक्षण की मांग उठाई।
खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि नियमों को लेकर कोई असमंजस की स्थिति नहीं है। प्रदेश में इसके सकारात्मक परिणाम नजर आ रहे हैं। चंपावत उपचुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया है कि जनता ने भी इस योजना को हाथों हाथ लिया है। इसके लिए आर्थिक सर्वेक्षण की जरूरत नहीं है।
सोमवार को नियम 58 के तहत कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने यह विषय उठाया। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड को लेकर भ्रम व निराशा का माहौल है। यह योजना गरीबों को राशन से वंचित कर रही है। विपक्ष के अन्य सदस्यों ने आर्थिक सर्वेक्षण के बाद राशन कार्ड निरस्त करने की मांग उठाई। विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि योजना के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
प्रदेश में अभी तक 60515 कार्ड सरेंडर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इनके स्थान पर पात्र व्यक्तियों को राशन कार्ड दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मानकों को लेकर कहीं कोई संदेह नहीं है। इसके लिए आर्थिक सर्वेक्षण की जरूरत नहीं है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने यह विषय अग्राहय कर दिया।