नई दिल्ली: खाना कितना भी स्वादिष्ट क्यों नहीं बना हो अगर खाने में नमक का सेवन नहीं किया जाए तो खाना जायकेदार नहीं लगता। नमक से मतलब हमारे किचन में मौजूद आम नमक से नहीं है जिसका सेवन 90 फीसदी से ज्यादा लोग करते हैं। आप जानते हैं कि आपके किचन में मौजूद सफेद दिखने वाला नमक ही सिर्फ खाने में इस्तेमाल नहीं होता बल्कि 12 तरह के नमक हैं जो कई तरह की बीमारियों का इलाज करते हैं। हम सभी जानते हैं कि नमक का सीमित सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन इसका ज्यादा सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं कि नमक के 5 प्रकार कौन-कौन से हैं और कौन सा नमक सेहत को ज्यादा फायदा पहुंचाता है।
नमक के प्रकार
नमक 12 प्रकार का होता हैं जिसमें टेबल नमक,कोषेर नमक,समुद्री नमक,हिमालयन गुलाबी नमक,सेल्टिक समुद्री नमक,फ्लेर डे सेल, काला नमक, सेंधा नमक, काला हवाई नमक, लाल हवाई नमक, स्मोक्ड नमक और अचार में डालने के लिए नमक शामिल हैं। लेकिन जिन नमक का सेवन ज्यादा चलन में है और जो सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद हैं उनमें सामान्य नमक, काला नमक और सेंधा नमक शामिल है।
नॉर्मल साल्ट को समुद्री पानी से तैयार किया जाता है और मशीनों की मदद से उसका शुद्धिकरण किया जाता है। सेंधा नमक जिसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। ये नमक चट्टानों की तरह होता है और पूरी तरह नेचुरल होता है। काला नमक भी नेचुरल नमक होता है इसे भी किसी तरह के शुद्धिकरण प्रोसेस से नहीं गुजारा जाता। आइए जानते हैं कि इन तीनों तरह के नमक में सेहत के लिए कौन सा नमक सबसे ज्यादा फायदेमंद है।
सादा नमक
सादे नमक में सोडियम और आयोडीन की मात्रा ज्यादा होती है जो हमारी इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाता है। नमक में 40 फीसदी सोडियम और 60 फीसदी क्लोराइड होता है। नमक का सीमित मात्रा में सेवन करने से सेहत को फायदा होता है। नमक का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है, एंग्जाइटी और डिप्रेशन से निजात मिलती है। बॉडी में नमक का सेवन कम करने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है इसलिए इसका सीमित मात्रा में सेवन करना सेहत के लिए जरूरी है।
काला नमक के फायदे
काला नमक जिसे ब्लैक साल्ट के नाम से भी जाना जाता है। काला नमक गुणों का खजाना है जिसका सेवन रोजाना किया जाए तो बॉडी को कई तरह से फायदा पहुंच सकता है। काला नमक का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और पेट से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झाजर ने बताया अगर हम हेल्दी साल्ट की बात करें तो काला नमक का नाम सबसे पहले आता है। काला नमक में सोडियम क्लोराइड, सोडियम सल्फेट, आयरन सल्फाइड, हाइड्रोजन सल्फाइड मौजूद होता है जिसका सेवन बीपी के मरीज भी कर सकते हैं। नॉर्मल इंसान इस नमक का 6 ग्राम सेवन कर सकते हैं जबकि बीपी के मरीज सिर्फ 4 ग्राम काला नमक का सेवन कर सकते हैं। ये नमक फैट बर्न करता है, शुगर कंट्रोल करता है, कब्ज को दूर करता है, कोलेस्ट्रॉल कम करता है, पाचन को दुरुस्त करता है, हेयर फॉल को भी रोकता है। जिन लोगों को गैस की परेशानी होती है वो इस नमक का सेवन करें।
सेंधा नमक
सेंधा नमक जिसे रॉक सॉल्ट के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक सेंधा नमक का सेवन करने से मसल्स में आने वाले क्रैंप से राहत मिलेगी। अगर आपकी नस पर नस ज्यादा चढ़ती है तो आप इस नमक का सेवन कर सकते हैं। सेंधा नमक का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और पाचन से जुड़ी परेशानियां जैसे कब्ज, अपच और एसिडिटी से निजात मिलती है। अगर आप रेगुलर सेंधा नमक का सेवन करते हैं तो आपको ब्लोटिंग की शिकायत नहीं होगी। जिन लोगों का बीपी हाई रहता है या फिर बीपी हाई होने का खतरा है वो सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं। सेंधा नमक में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है जो सोडियम के असर को कम करती है और आपका बीपी कंट्रोल रहता है। आप इस नमक का सेवन अपनी डेली डाइट में कर सकते हैं।