नई दिल्ली। देशभर में गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। तामपान सामान्य से ऊपर जाने लगा है। ओडिशा और गुजराज जैसे राज्यों में गर्मी रिकॉर्ड तोड़ रही है। मार्च महीने में ही एसी शुरू हो गए हैं। आने वाले महीने और भी परेशानी भरे साबित हो सकते हैं। देश के बड़े ग्रिड ऑपरेटर्स ने चेतावनी दी है कि गर्मी में लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। सबसे ज्यादा परेशानी मई और जून में लोगों को उठानी पड़ेगी। इस दौरान बिजली की डिमांड अपने पीक पर होगी।
रिपोर्ट में क्या आया सामने
हाल ही में नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (NLDC) ने बिजली की आपूर्ति और इसकी खपत को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि मई और जून में देश में बिजली की मांग 15 से 20 गीगावाट तक जा सकती है। एनएलडीसी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि मई में इस डिमांड को पूरा करना काफी मुश्किल भरा हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी 30 फीसदी से अधिक संभावना है कि मई में बिजली की इस औसत आपूर्ति को पूरा नहीं किया जा सकेगा।
जून में भी नहीं हो सकेगी बिजली आपूर्ति
रिपोर्ट के मुताबिक जून में भी इस बात की संभावना 20 फीसदी से ज्यादा है कि बिजली की बढ़ी हुई डिमांड को पूरा ना किया जा सके। मई और जून में जब गर्मी अपने पीक पर होती है तो मांग और आपू्र्ति के बीच 15 गीगावाट तक का अंतर होता है। मई, जून, जुलाई और अगस्त 2025 में गैर-सौर घंटों के दौरान कमी होने की अधिक संभावना है। अगर पिछले साल की बात करें तो तक बिजली की अधिकतम मांग 250 गीगावाट थी। इस साल इसमें बढ़ोतरी हो सकती है। यह 270 गीगावाट तक जा सकती है।
सौर ऊर्जा से जुड़े 10 लाख घर
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना के तहत अब तक 10 लाख से अधिक घरों में सोलर पैनल लगाए गए हैं। केंद्रीय न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री प्रल्हाद जोशी ने जानकारी दी कि यह योजना दुनिया का सबसे बड़ा घरेलू रूफटॉप सोलर प्रोग्राम है। इस लक्ष्य को बढाकर मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों तक पहुंचाया जाएगा। जोशी ने बताया कि 10 मार्च तक 10.09 लाख इंस्टॉलेशन पूरे हो चुके हैं। योजना में 47.3 लाख आवेदन मिले. 6.13 लाख लोगों को 4,770 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई। 3 गीगावाट से अधिक रूफटॉप सोलर स्थापित किए गए।