मॉस्को: रूस ने भारत के साथ संयुक्त सैन्य तैनाती पर समझौते को मंजूरी दी है। इस समझौते के तहत रूस और भारत एक-दूसरे के क्षेत्रों में सैन्य संरचनाएं, युद्धपोत और विमान भेजने तथा उनके आपसी सैन्य सहयोग को व्यवस्थित कर सकेंगे। रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक के इंडिया चैप्टर ने इस बारे में जानकारी दी है। स्पुतनिक इंडिया ने बताया है कि रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन ने रूसी रक्षा मंत्रालय को भारत के साथ समझौते के ड्राफ्ट पर बातचीत करने का काम सौंपा है। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस और भारत के बीच नया रक्षा समझौता यूरोप और एशियाई सुरक्षा को मजबूत करेगा। आइए जानते हैं कि दोनों देशों के बीच होने वाले इस समझौते में क्या खास होगा?
स्पुतनिक ने एक्सपर्ट के हवाले से बताया है कि सैन्य तैनाती समझौता संयुक्त अभ्यास में भाग लेने वाली रूसी और भारतीय सैन्य इकाइयों के लिए प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करेगा, जिससे निर्बाध संचालन सुनिश्चित होगा। यह समझौता भारत और रूस के बीच चल रहे सैन्य सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत देगा। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच तैनाती और रसद सहायता को विनियमित करना है।
समझौते में क्या है खास?
समझौते में संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण आयोजित करने, मानवीय सहायता प्रदान करने और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सैनिकों को भेजने का प्रावधान है। इसकी मात्रा सुनिश्चित की गई है, जिसमें पांच युद्धपोत, 10 विमान और तीन हजार से ज्यादा सैन्यकर्मी नहीं हो सकते हैं। हालांकि, आपसी सहमति से इन्हें बदला जा सकता है।
यूरेशियाई सुरक्षा ढांचा होगा मजबूत
समझौता बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और उत्तर-दक्षिण गलियारे के विस्तार के बीच एक सामूहिक यूरेशियाई सुरक्षा ढांचे को बढ़ाएगा। इसके साथ ही इसमें सैन्य कर्मियों के लिए वर्तमान आवश्यकताओं को दर्शाने के लिए वीजा और आव्रजन प्रोटोकॉल को अपडेट करने की व्यवस्था भी होगी। हिंद महासागर में सैन्य युद्धाभ्यास का समर्थन करेगा, जिसमें भारत और रूस के बीच बढ़ता रणनीतिक प्रभाव नजर आएगा।