पटना. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और सम्राट चौधरी आज रात गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. ये मुलाकात शाम 7:30 बजे हो सकती है. बताया जा रहा है कि सुशील मोदी पहले से दिल्ली में हैं और बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी अचानक दिल्ली रवान हो गए. दिल्ली पहुंचने के बाद उनकी मुलाकात होगी. साफ है कि बिहार में बदलते सियासी समीकरण को लेकर यह बैठक महत्त्वपूर्ण है. मिली जानकारी के अनुसार, गृह मंत्री के आवास पर यह बैटक होगी और इसमें बिहार प्रभारी विनोद तावड़े भी मौजूद रहेंगे. बताया जा रहा है विनोद तावड़े चंडीगढ़ में थे और उन्हें वहां से बुलाया गया है.
बता दें कि जदयू के बड़े नेताओं की भी मीटिंग सीएम आवास पर हुई. इसमें विजय चौधरी और ललन सिंह शामिल थे. इस बीच तेजस्वी यादव ने भी पटना में बड़ी बैठक बुलाई है. नजदीकी नेताओ के साथ तेजस्वी यादव बैठक कर रहे हैं और इसमें बिहार में बदल रही सियासत को लेकर रणनीति पर चर्चा की जा रही है. राजद के संभावित कदम को लेकर बना रहे रणनीति में अली अशरफ फातमी भी पहुंचे. बताया जा रहा है कि फातमी सीएम नीतीश और लालू यादव दोनों के बेहद करीबी रहे हैं.
वहीं, राबड़ी आवास पर लालू यादव ने भी नेताओं को बुलाया है. इसमें तेज प्रताप यादव, श्याम रजक, जय प्रकाश यादव, शक्ति सिंह यादव, रणविजय साहू, शिवचंद्र राम राबड़ी आवास पहुंच चुके हैं. भोला यादव भी राबड़ी आवास पहुंच चुके हैं. एमएलसी मुन्नी देवी भी राबड़ी आवास में मौजूद हैं. जाहिर है बिहार में सियासी उथल पुथल के बीच ये बैठक महत्वपूर्ण है.
बता दें कि बिहार में सियासी अटकलबाजियों के बीच आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के एक ट्वीट ने सियासी हलचल अचानक ही बढ़ा दी. नीतीश कुमार को टारगेट पर लेकर किए गए इस ट्वीट के स्क्रीन शॉट को को सीएम ने जानकारी के लिए अपने पास मंगवाया भी था. इसके बाद बिहार में सियासत में जो उथल पुथल मची है वह अब भी जारी है.
बता दें कि बिहार में अंदर ही अंदर सियासी हलचल का दौर जारी है. सीएम नीतीश कुमार को लेकर कई तरह की अटकलें चल रही हैं. कहा जा रहा है कि वह जल्दी ही एनडीए में शामिल हो सकते हैं. वहीं, बिहार में इससे पहले भी काफी कुछ घटित होता रहा. पहले सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक महज 20 मिनट में ही खत्म हो गई. इस बैठक से पहले मीडिया को एक पत्र भेजा गया, जिसमें लिखा था कि अपरिहार्य कारणों से प्रेस ब्रीफिंग को कैंसिल किया जाता है.
इसके साथ ही सवाल उठने शुरू हो गए कि आखिरकार बिहार कैबिनेट की बैठक इतने कम समय क्यों चली और ब्रीफिंग को क्यों कैंसिल कर दिया गया? बता दें कि कुछ समय से लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि राजद-जदयू के बीच सबकुछ सही नहीं है. अक्सर नीतीश कुमार के नाराज होने की खबरें आ रही हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश बहुत जल्द कोई बड़ा राजनीतिक कदम उठा सकते हैं.